Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी इन दिनों सुर्खियों में है और वो भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के कारण. यह वही गाड़ी है, जो आम जनता को हमेशा नियमों का पालन करने की सलाह देती है, लेकिन अब यह खुद इन नियमों की धज्जियां उड़ाती हुई नजर आ रही है.
दरअसल, मुख्यमंत्री की सरकारी गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अगस्त 2024 में ही समाप्त हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद यह गाड़ी सड़कों पर दौड़ रही है. यही नहीं, इस गाड़ी पर पहले भी एक बार जुर्माना लगाया गया था, लेकिन अब तक जुर्माना जमा नहीं किया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी का नंबर BR01CL0077 है. यह गाड़ी जब मंगलवार को मुख्यमंत्री द्वारा रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के कुसही बेतिया गांव में डीएम दिनेश कुमार राय के पिता की पुण्यतिथि में शामिल होने के लिए चल रही थी, तब यह जानकारी सामने आई कि गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट पहले ही समाप्त हो चुका है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की मियाद 4 अगस्त 2024 को खत्म हो गई थी, लेकिन अब तक इसे नया नहीं कराया गया है.
पहले भी लगा है जुर्माना
यह कोई पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री की गाड़ी ने नियमों का उल्लंघन किया है. इससे पहले 23 फरवरी 2024 को इस गाड़ी पर सीट बेल्ट न लगाने के कारण 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जुर्माना अब तक नहीं जमा किया गया है. इस मुद्दे ने राज्य के परिवहन विभाग की कार्यशैली और सरकारी गाड़ियों के नियमों के पालन को सवालों के घेरे में ला दिया है.
इस मामले पर आरजेडी के नेता विमल कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'यह बिहार का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री की खुद की गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट फेल है, जबकि वह आम जनता से बेवजह जुर्माना वसूल कर रहे हैं. राज्य के कई मंत्रियों की सरकारी गाड़ियों के कागजात भी अधूरे होंगे और यह सुशासन के दावे की पोल खोलता है.'
वहीं, समाजसेवी आशुतोष कुमार ने भी इस मामले में अपनी बात रखी और कहा, "हमने खुद इस गाड़ी का पॉल्यूशन चेक किया था और पाया कि यह कई महीनों से फेल है. अगर यह मामला किसी आम व्यक्ति का होता, तो तुरंत जुर्माना कट जाता, लेकिन मुख्यमंत्री की गाड़ी को इस मामले में छूट क्यों दी जा रही है?'
यह मामला अब आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन चुका है. लोगों का कहना है कि कुछ महीनों पहले पटना में आरजेडी कार्यालय के बाहर कई विधायकों और एमएलसी की गाड़ियों के कागजात पूरे न होने पर जुर्माना लगाया गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री की गाड़ी को इस मामले में क्यों छूट मिल रही है? यह सवाल उठाया जा रहा है. जनता का कहना है कि यह न्याय के दोहरे मापदंड को दर्शाता है. First Updated : Tuesday, 19 November 2024