'नोएडा में बड़े निवेश की तैयारी, लैंड बैंक से दूर होंगी जमीन की बाधाएं'
नोएडा में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने लैंड बैंक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन खरीदने के लिए एक खास एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है. नलगढ़ा गांव में सर्वे शुरू हो चुका है. यह कदम क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए उठाया गया है. क्या नोएडा बन पाएगा औद्योगिक केंद्र? पूरी खबर पढ़ें!
UP News: नोएडा में औद्योगिक इकाइयों के बड़े निवेश के लिए प्राधिकरण ने कमर कस ली है. जिले में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेशकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने का फैसला किया गया है. इसके तहत, पंजाब की भूमि अधिग्रहण फेसिलिटेटिंग कंपनी टीआईएलए कंसल्टेंट एंड कंस्ट्रक्टर प्रा. लि. को इस काम के लिए हायर किया गया है. इंडिया डेली के संपादक संतोष पाठक के अनुसार कंपनी किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन का अधिग्रहण करेगी.
किसानों की सहमति से होगा जमीन अधिग्रहण
नोएडा प्राधिकरण ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए विशेष एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी है. एजेंसी किसानों के साथ सामंजस्य स्थापित कर जमीन खरीद का काम करेगी. यह जमीन औद्योगिक इकाइयों के लिए इस्तेमाल की जाएगी, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को बल मिलेगा.
नलगढ़ा गांव से शुरू हुआ सर्वे
लैंड बैंक बढ़ाने के इस मिशन के तहत सबसे पहले नलगढ़ा गांव का सर्वे शुरू किया गया है. एजेंसी ने गांव की शेष भूमि का सर्वेक्षण कर अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज कर दिया है. आने वाले समय में अन्य गांवों में भी यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी. प्राधिकरण का मानना है कि निवेश के लिए जमीन की कमी नहीं होनी चाहिए, ताकि बड़े उद्योगों को आकर्षित किया जा सके.
सीईओ के निर्देश और सरकार की मंशा
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एम. लोकेश ने इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए लैंड बैंक की आवश्यकता पर जोर दिया है. उनका कहना है कि जमीन की कमी से निवेश प्रभावित नहीं होना चाहिए. यह कदम राज्य सरकार की औद्योगिक नीति के तहत उठाया गया है, जिससे नोएडा को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके.
निवेश को मिलेगा बढ़ावा
नोएडा में इस पहल से वैश्विक और राष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश हो रही है. बड़े उद्योगों के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराने से न केवल क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. नोएडा का यह कदम राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने और निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद जगह बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.