एमसीडी मेयर चुनाव में मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकतेः सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) के एक नेता द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान में स्पष्ट है कि मनोनीत पार्षद मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। इसी के साथ ही 16 फरवरी को होने वाला मेयर चुनाव भी टल गया है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
रिपोर्ट। मुस्कान
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) के एक नेता द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान में स्पष्ट है कि मनोनीत पार्षद मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। इसी के साथ ही 16 फरवरी को होने वाला मेयर चुनाव भी टल गया है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
गौरतलब है कि एमसीडी में मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आप की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका में मनोनीत सदस्यों को महापौर के चुनाव में मतदान करने से प्रतिबंधित करने की मांग की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि मनोनीत सदस्य चुनाव के लिए नहीं जा सकते। संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट है।
इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पेश हुए वकील एएसजी संजय जैन ने पीठ से कहा कि अदालत मामले की सुनवाई होने तक चुनाव स्थगित कर सकती है। एक संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल से हमारे पास एक संविधान पीठ है और हम इसे अभी नहीं तोड़ सकते और आज हमारे पास अमेरिकी न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल है। इसलिए मुझे उनसे मिलना है और मैं इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकता।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 243आर ने इसे बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है। ओबेरॉय की याचिका में दिल्ली नगर निगम के सदन के प्रोटेम स्पीकर को हटाने की भी मांग की गई है। बता दें कि दिल्ली में पिछले साल सात दिसंबर को एमसीडी के चुनाव नतीजे आए थे, लेकिन दो महीने बाद भी मेयर नहीं मिल सका। चुनाव के लिए तीन बार अलग-अलग तारीखें तय की गईं, लेकिन तीनों बार यह चुनाव हंगामे की भेंट चढ़ गया। अब मामला देश की सुप्रीम कोर्ट में है।
बता दें कि चुनाव नहीं होने से आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार डॉ शैली ओबरॉय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना व अन्य लोगों को नोटिस जारी कर मनोनीत सदस्यों के मताधिकार पर जवाब मांगा है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने ईस्ट पटेल नगर की पार्षद डॉ शैली ओबेरॉय को मेयर पद के लिए मैदान में हैं। वहीं, भाजपा ने शालीमार बाग-बी वॉर्ड की पार्षद रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है।