नई दिल्ली। हम हैं अपने लिये कुछ हैं ज़माने के लिये, घर से बाहर की फ़ज़ा हंसने-हंसाने के लिये। तुमसे छुट कर भी तुम्हें भूलना आसान न था, मैंने तुमको ही याद किया तुमको भुलाने के लिये... मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली की ये लाइनें कांग्रेस से बागियाना अंदाज़ में रुख़सत हुये पूर्व कांग्रेसी गुलाम नबी आज़ाद पर फिट बैठती हैं।
लम्बे अरसे से कांग्रेस की राजनीति करने वाले गुलाब नबी बीते दिनों जब कांग्रेस पार्टी से आज़ाद हुये तब 5 पन्नों की लंबी चिट्ठी लिखते हुये कांग्रेस से अपने जुड़ाव और इतिहास की याद दिला पार्टी नेतृत्व खासकर गांधी परिवार को कटघरे में ड़ालकर उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किये। आज़ाद यहीं नहीं रुके टीवी चैनलों को दिये इंटरव्यू में उन्होंने गांधी परिवार व पार्टी नेताओं पर तल्ख़ लहज़ो में बयानबाजी की जिसे राजनीतिक हलकों में बिलो द बेल्ट करार दिया गया।
एक के बाद एक टीवी चैनलों को दिये इंटरव्यू के बाद जनभावना टाइम्स से बात करते हुये कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आज़ाद साहब को कांग्रेस पार्टी में इतनी बुराईयां अभी ही क्यों दिखने लगी, जबकि वे पिछले कई वर्षों से कांग्रेस के अहम पदों पर रहकर वो सबकुछ पाये जो हर पार्टी नेता को नसीब नहीं होता। बहरहाल, बातचीत के इसी क्रम में पार्टी के एक वरिष्ठ महासचिव ने कहा कि हमें अब उस पत्र लिखने वाले की तलाश है जिसने 5 पन्नों के लंबे-चौड़े ख़त को लिखकर पार्टी की किरकिरी की है।
नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी व ग़ुलाम नबी के सहकर्मी रहे कांग्रेस नेता ने दावे के साथ कहा कि जितना मैं उनको जनता हूँ गुलाम नबी अंग्रेजी में इतने लम्बे चौड़े ख़त नहीं लिख सकते। इस काम में जरूर किसी ने उनकी मदद की है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी में नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला वर्ष 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस को मिली पराजय के बाद से ही जारी है। राज्य स्तरीय नेताओं समेत यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे पार्टी के कई नेता एक एक कर कांग्रेस से विदा हो चुके हैं।
वहीं कई बीच-बीच में पार्टी स्टैंड से अलग हटकर नेतृत्व को आंख दिखा चुके हैं। ऐसे में जी-23 समूह के नेतृत्वकर्ता रहे ग़ुलाम नबी के इस कदम के बाद जी-23 के कुछ और बड़े नेता इसी कतार में हैं। पूर्व मंत्री मनीष तिवारी का हालिया बयान इसकी तस्दीक करता है।
जानकर बताते हैं कि कतार में खड़े ये कांग्रेसी कुछ दिनों के अंतराल लेकर पार्टी को झटके देनें के मूड में हैं ताकि बीच-बीच में नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की खबरें पार्टी को नुकसान पहुँचाये। बहरहाल वर्षों से कांग्रेस की राजनीति में रहे ग़ुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस छोड़ अपनी खुद की पार्टी बनाने की बात कह चुके हैं। मंगलवार जम्मू कश्मीर से 60 के करीब कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के कांग्रेस से इस्तीफा देकर गुलाम नबी के पाले में आने की खबर है।
वहीं उनकी नई पार्टी के भविष्य को भांपकर और कांग्रेसी नेता भी ग़ुलाम नबी के रास्ते को अख्तियार कर सकते हैं। कांग्रेस नेताओं के बागियाना रुख़ को और कितने कांग्रेसी अपनाते हैं, साथ ही पत्र लिखने वाले की तलाश कब तक पूरी होती है। First Updated : Wednesday, 31 August 2022