ओडिशा ट्रेन हादसा: किसी की आँखों में आंसू तो किसी की आँखों में हादसे का भयानक मंजर, तो कुछ लोग PTSD से हुए पीड़ित
क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जशोबंता महापात्र देते हुए बताया कि जो लोग हादसे में बचे हैं उन लोगों के दिमाग पर हादसे का काफी गहरा प्रभाव पड़ा है।
हाइलाइट
- एक टीम में एक मनोचिकित्सक, एक सामाजिक कार्यकर्ता , एक मनोवैज्ञानिक और एक मरीज के परिवार के 1 या 2 सदस्य शामिल हैं।
ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन हादसे के बाद जहां काफी परिवारों ने अपने लोगों को खोया है तो वहीं कुछ लोग बच गए और कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए। डॉक्टर्स के मुताबिक़ घायल लोग काफी तेज़ी से रिकवर कर रहें हैं। लेकिन कटक के SCB मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में जो भर्ती 105 मरीज हैं उनमें से करीबन 40 केस ऐसे आये हैं जोकि पोस्ट - ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से पीड़ित हो गए हैं।
इन सभी मरीजों के लिए काउंसिलिंग शुरू कर दी गयी है, जिसमें उनके परिवारवालों और विशेषज्ञों की मौजूदगी में करीब से देखे गए इस हादसे के डर पर काबू करने की कोशिश की जा रही है।
हादसे में बचे लोगों की मानसिक स्थिति पर पड़ा है प्रभाव
बता दें, ओडिशा बालासोर ट्रिपल रेल हादसे में करीब 288 यात्रियों ने अपनी जान गवां दी है और 1100 से भी अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जशोबंता महापात्र (Dr. Jashobanta Mohapatra, Associate Professor, Department of Clinical Psychology) देते हुए बताया कि जो लोग हादसे में बचे हैं उन लोगों के दिमाग पर हादसे का काफी गहरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में उन सभी कि मानसिक स्थिति को देखते हुए काउंसलिंग शुरू की गयी है।
मरीजों पर पड़ा हादसे का बुरा प्रभाव
डॉ. जशोबंता महापात्र ने आगे बताते हुए कहा की इस हादसे से मरीजों में मानसिक तनाव, डर और कभी - कभी वह घबराये हुए देखे जा रहें हैं। वहीं कुछ घायल मरीज न कुछ बोलते हैं और न ही किसी बात पर रियेक्ट करते हैं। हम उन सभी मरीजों की काउंसलिंग कर रहें हैं इसके लिए काउंसलिंग की 4 टीमों का गठन किया है।
हर एक टीम में एक मनोचिकित्सक (psychiatrist), एक सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker), एक मनोवैज्ञानिक (psychological) और एक मरीज के परिवार के 1 या 2 सदस्य शामिल हैं। सर्जरी विभाग की एक नर्स ने बताया की जो लोग हादसे में बच गए हैं वह सही से नींद नहीं ले पा रहें हैं। वह बताते हैं की वह जब भी सोने की कोशिश करते हैं तो उनकी आँखों के सामने वह हादसा और भयानक मंजर सामने आ जाता है। उन सभी पर निगरानी राखी जा रही है।