पश्चिम बंगाल: हिंसा की घटनाओं पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने जताई कड़ी नाराज़गी, कहा- 'मौत का नाच' बर्दाश्त नहीं
वक्फ अधिनियम को लेकर मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई हिंसक झड़पों के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्थिति को नियंत्रित करने की पहल की है, जबकि हाईकोर्ट ने शांति बहाल करने और विस्थापितों की मदद के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में हाल ही में भड़की हिंसा पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इन घटनाओं को “मौत का नाच” बताते हुए कहा कि राज्य में पनप रही हिंसा की संस्कृति को अब खत्म करने का समय आ गया है. राज्यपाल ने कहा कि वह इस मुद्दे पर मिशन मोड में काम करेंगे.
तीन लोगों की मौत
गौरतलब है कि 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे. हिंसा में घरों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचा, जिससे कई परिवार बेघर हो गए. कुछ लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, तो कुछ झारखंड के पाकुड़ जिले की ओर पलायन कर गए हैं.
राज्यपाल बोस ने इन क्षेत्रों का दौरा करते हुए मीडिया से कहा कि बंगाल में कई स्थानों पर हिंसा भयावह रूप ले रही है. हमें इसे पूरी तरह समाप्त करना होगा ताकि राज्य में शांति और सद्भाव बना रहे. उन्होंने मालदा के बाद मुर्शिदाबाद का भी दौरा करने की बात कही. इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों को फिलहाल मुर्शिदाबाद में तैनात रहने का निर्देश दिया है. साथ ही, राजनीतिक दलों को भड़काऊ भाषणों से बचने को कहा गया है.
मालदा के राहत शिविरों का दौरा
महिला हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) भी सक्रिय हो गया है. आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर खुद जांच टीम के साथ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी. उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम भी शुक्रवार को मालदा के राहत शिविरों का दौरा करेगी, ताकि प्रभावित लोगों की समस्याओं को समझा जा सके और उचित सिफारिशें की जा सकें.


