New change In Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होने का फैसला किया है. यह कदम राजनीतिक हलचलों के बीच हुआ है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं.
रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ओसामा ने RJD की सदस्यता ली. इस मौके पर तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे. उनके साथ उनकी मां हिना शहाब ने भी पार्टी में वापसी की. ओसामा का परिवार पहले से ही राजनीति में सक्रिय रहा है और उनके पिता मोहम्मद शहाबुद्दीन सिवान से RJD के सांसद रह चुके हैं. उनकी मां भी RJD के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं.
विवादों का सामना कर चुके ओसामा
ओसामा शहाब की राजनीति में एंट्री लंबे समय से चर्चा का विषय रही है. वह कई बार विवादों में रहे हैं और एक बार मोतिहारी में गोलीबारी के मामले में जेल भी जा चुके हैं. ऐसे में उनकी पार्टी में शामिल होना और भी खास बन जाता है, क्योंकि यह देखना होगा कि वह अपने पिता और मां की राजनीतिक विरासत को कैसे आगे बढ़ाते हैं.
आगामी चुनावों की तैयारियां
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सभी पार्टियां अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं. ओसामा के RJD में शामिल होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट मिल सकता है. उनके परिवार का राजनीतिक इतिहास और RJD के प्रति उनका जुड़ाव इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है.
तेजस्वी यादव से मुलाकात और भविष्य की योजनाएं
ओसामा ने हाल ही में तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और उस समय से ही उनके RJD में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई थीं. इससे पहले, हिना शहाब को सिवान से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था. अब ओसामा के पार्टी में शामिल होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि RJD उन्हें किस प्रकार की भूमिका में आगे बढ़ाती है.
क्या ओसामा शहाब बिहार की राजनीति में नया अध्याय लिखेंगे?
ओसामा शहाब का RJD में शामिल होना बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय साबित हो सकता है. उनके पिता और मां की राजनीतिक पृष्ठभूमि के चलते सभी की नजरें इस पर हैं. क्या ओसामा अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा पाएंगे? यह सवाल आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण साबित होगा.
इस नए राजनीतिक सफर की शुरुआत ओसामा के लिए चुनौती और अवसर दोनों हो सकती है. सभी को अब इस बात का इंतज़ार है कि ओसामा अपनी पार्टी और परिवार की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे या नहीं. First Updated : Sunday, 27 October 2024