हाथरस में हाहाकार; कौन है वो बाबा जिनके सत्संग में सैकड़ों लोगों ने गवां दी जान, पढ़ें पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को पांच बजे के करीब हाहाकार मच गया है. इस हादसे में मौत का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. अब कर  122 लोगों ने अपनी जान गवां दी है. इसमें 122 लोगों की मौत हो गई. 150 से अधिक घायल हैं. कई लोगों की हालत गंभीर है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ है. तो आइए इस आर्टिकल में जानते है आखिर कौन है वो बाबा जिसके दर्शन के लिए हजारों लोग जाते हैं इसके साथ अचानक सत्संग में भगदड़ मच गई.

JBT Desk
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Hathras incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को पांच बजे के करीब हाहाकार मच गया है. इस हादसे में मौत का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. अब कर 122 लोगों ने अपनी जान गवां दी है. इसमें 122 लोगों की मौत हो गई. 150 से अधिक घायल हैं. कई लोगों की हालत गंभीर है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ है. तो आइए इस आर्टिकल में जानते है आखिर कौन है वो बाबा जिसके दर्शन के लिए हजारों लोग जाते हैं इसके साथ अचानक सत्संग में भगदड़ मच गई. चारों ओर चीख-पुकार मचने लगी कि इस हादसे में कई लोगों ने अपनी जांन गवां दी है तो आइए इस खबर को विस्तार से जानते हैं...

साकार हरि के पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है. इनके सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में लोग आते हैं. आज से करीब 2 साल पहले जब देश में कोरोना की लहर चल रही थी. उस समय उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया. जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत दी थी लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे. 

जानकारी के अनुसार, नारायण साकार हरि एटा जिले बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले वह गुप्तचर विभाग में थे. नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं. इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है. इस बार यह सत्संग 2 जुलाई, मंगलवार को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम फूलरई मुगलगढ़ी, नेशनल हाईवे में आयोजित किया गया.

भगवान ने दिए दर्शन
स्वयंभू संत भोले बाबा ने बताया कि उनका कोई गुरु नहीं है. नौकरी से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्हें भोले बाबा ने साक्षात दर्शन दिए थे. भगवान से मिलने के बाद उन्होंने खुद को अध्यात्म को समर्पित कर दिया. उन्होंने आगे बताया कि भगवान ने जब दर्शन दिया तो समझ आ गया कि हमारा शरीर कुछ नहीं है यह तो परमात्मा का अंश है.  

बाबा बोलें लाखों की संख्या में हैं उनके भक्त 
स्वयंभू संत भोले बाबा का दावा है कि लाखों में उनके भक्त हैं. जब भी वह कोई आयोजन करते हैं तो लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ एकत्रित होती है. उनका कहना है कि वह अपने अनुयायियों को मानव कल्याण से जुड़ा ज्ञान देते हैं.    

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02 July 2024, 06:10 PM IST

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