Sadhus thrashed in West Bengal: साधुओं को पीटने का मामला एक बार संज्ञान में आया है, पश्चिम बंगाल में उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं पर एक भीड़ ने अचानक हमला कर दिया. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने भीड़ से बचाकर साधुओं को नजदीकी पुलिस स्टेशन में पहुंचा दिया.
पुलिस की माने तो यह मामला गुरुवार का है जब उत्तर प्रदेश के तीन साधु एक व्यक्ति और उसके दो बेटों ने मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर पहुंचने के लिए एक वाहन किराए पर लिया था. इस दौरान वह रास्ता भटक गए और उन्होंने सही जगह पहुंचने के लिए तीन लड़कियों से रास्ता पूछने की कोशिश की, तीन लड़कियां साधु को देखने बाद चिल्लाते हुए भाग गई. इसके बाद ही वहां स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई और उन्हें पीटना शुरू कर दिया. जब मामला गंभीर हुआ तो पुलिस मौके पर पहुंच गई और भीड़ के बीच से साधुओं को निकालकर नजदीकी पुलिस स्टेशन भेज दिया.
इस मामले में पुरुलिया पुलिस अधीक्षक ने अभिजीत बनर्जी ने कहा कि साधुओं की शिकायत सुनने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ने कहा शुरुआती जांच में भीड़ द्वारा हमला करने वाले लोगों पर छापेमारी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि अब तक पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इस वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने शेयर किया है और पोस्ट करते हुए लिखा कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है. पालघर में एक तरह की लिंचिंग में, मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा था. ममता बनर्जी के शासन में शाहजहाँ शेख जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है. पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है.