Jammu and Kashmir: कोविड किट की आपूर्ति के बाद भी न हुआ भुगतान, युवा उद्यमी ने मुख्यमंत्री से की न्याय की मांग
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के एक युवा उद्यमी ने राज्य के मुख्यमंत्री से अपील की है कि कोविड-19 महामारी के दौरान बारामुल्ला जिले में बेबी किट की आपूर्ति के बावजूद लंबित भुगतान की समस्या को हल किया जाए. उद्यमी ने बताया कि उन्होंने एमबीए के बाद रोजगार सृजन के लिए अपना व्यवसाय शुरू किया था और बेबी किट वितरण का काम किया, लेकिन अब तक भुगतान नहीं मिला है. उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई और शीघ्र भुगतान की मांग की है.
Jammu and Kashmir: जम्मू और कश्मीर के एक युवा उद्यमी ने पिछले चार सालों में कई प्रयासों के बावजूद लंबित भुगतान की समस्या को शीघ्र हल करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है. उद्यमी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान बारामुल्ला जिले में बेबी किट की आपूर्ति के बावजूद अब तक उन्हें भुगतान नहीं किया गया है, जिसके लिए वे न्याय की मांग कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भुगतान को तुरंत जारी किया जाए.
मीडिया से बात करते हुए, उद्यमी ने बताया कि उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की और इसके बाद जम्मू और कश्मीर में रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अपना व्यवसाय शुरू किया. कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें आईसीडीएस बारामुल्ला के जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बेबी किट की आपूर्ति का कार्य सौंपा गया था. इन किटों का वितरण बारामुल्ला के डिप्टी कमिश्नर की मंजूरी से अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर किया गया था, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया में अब तक कोई प्रगति नहीं हो पाई है.
लंबे समय से चल रहा है मामला
उद्यमी ने इस मामले में कई बार अधिकारियों से संपर्क किया और भुगतान की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन परिणाम कुछ भी नहीं निकला. दिसंबर 2022 में यह मामला लोक अदालत में गया, जहां एक स्पष्ट निर्णय दिया गया था, जिसमें संबंधित अधिकारियों को 30 दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, अब तक भुगतान नहीं किया गया है, और मामला अब भी लंबित है.
नव नियुक्त डीपीओ द्वारा अनदेखी
इस मामले को और जटिल बनाते हुए, नव नियुक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री यार अली खान (जेकेएएस) ने मामले का समाधान करने में कोई रुचि नहीं दिखाई. उन्होंने उद्यमी के बार-बार प्रयासों को नजरअंदाज किया और यहां तक कि पहले के डीपीओ द्वारा की गई प्रगति को भी उलट दिया. अब, उद्यमी को चिंता है कि अगर अधिकारी जिम्मेदारी से बचते रहे तो भुगतान में और भी देरी हो सकती है.
मुख्यमंत्री से न्याय की मांग
फिलहाल यह मामला बारामुल्ला जिला न्यायालय में निष्पादन चरण में है. उद्यमी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि कानून सचिव और समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव को मामले में हस्तक्षेप करने का निर्देश दें और यह सुनिश्चित करें कि भुगतान तुरंत जारी किया जाए. इसके अलावा, उन्होंने विशेष रूप से श्री यार अली खान (जेकेएएस) को उनकी कार्यप्रणाली के लिए जवाबदेह ठहराने की भी मांग की है.
सरकारी समर्थन की जरूरत
उद्यमी ने यह भी कहा कि इस तरह की देरी से न केवल व्यक्तिगत रूप से नुकसान होता है, बल्कि यह सरकार की उद्यमियों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को भी कमजोर करता है. इस तरह की समस्याएं राज्य में सकारात्मक कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने में बाधक साबित हो सकती हैं. उद्यमी ने मुख्यमंत्री से तत्काल न्याय की उम्मीद जताई है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का समाधान जल्दी हो सके.