PDA के सामने ओवैसी ने खड़ा किया PDM, 6 प्वाइंट्स में जानिए क्या होगा असर
PDA Vs PDM: असदुद्दीन ओवैसी ने पल्लवी पटेल ने इंडिया गठबंधन की मुश्किलों में इज़ाफा कर दिया है. दरअसल दोनों ने मिलकर PDA के सामने PDM का ऐलान किया है.
PDA Vs PDM: समाजवादी पार्टी के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के सामने असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल ने PDM यानी पिछड़ा, दलि और मुस्लिम लाकर खड़ा कर दिया है. पल्लवी पटेल और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संयुक्त तौर पर प्रेस कांफ्रेंस कर यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. पल्ली पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि पिछड़ा दलित मुस्लिम समाज के लिए सरकार का रवैया काफी निराशाजनक है, और विपक्ष के लोग भी खामोश बैठे हुए हैं. ऐसे में हम PDM न्याय मोर्चा लेकर आए हैं. PDM वो समाज है जो सरकारें बनाता और गिराता है.
➤ समाजवादी पार्टी के के पीडीए को लेकर पल्लवी पटेल ने हमला बोला और कहा कि PDA में हमेशा A कंफ्यूजन रहा था. कभी यह अल्पसंख्यक हो जाता है तो कभी अगड़ा हो जाता है ऐसे में हमने इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए M यानी मुस्लिम बनाया है.
➤ यहां यह बात भी हैरान कर देने वाली है कि पल्लवी पटेल ने विधानसभा चुनाव समाजावादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था और विधायक भी बनीं थी. हालांकि लोकसभा चुनाव में उनका सपा से अलग होना कई सवाल खड़े कर रहा है. वैसे अखिलेश यादव भी पल्लवी पटेल को लेकर कह चुके हैं कि उनके साथ हमारा गठबंधन विधानसभा में था नाकि लोकसभा चुनाव में.
➤ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 2022 के चुनाव में सपा को 90 फीसद मुस्लिम वोट मिले थे लेकिन उन्हें बदले में क्या मिला. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी सिर्फ मुसलमानों को खत्म करने में लगी है और मुसलमानों का वोट लेकर उन्हें उनका हिस्सा भी नहीं दिया जा रहा है.
➤ PDM का ऐलान काफी देर से हुआ है. जिसका सीधा मकसद समझ आ रहा है कि तीसरा मोर्चा पहले कुछ चरणों में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. क्योंकि पहले चरण की 8 सीटों के लिए नामांकन भरने की तारीख खत्म हो चुकी है. वहीं दूसरे चरण की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि तीसरे चरण के बाद से आने वाली सीटों पर तीसरा मोर्चा अपने उम्मीदवार मैदान में उतार सकता है.
➤ राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद असदुद्दीन की उनके परिवार से मुलाकात मुस्लिम वोटों के अपनी तरफ खींचने के मकसद से हुई है. धर्मेंद्र यादव ने ओवैसी की इस मुलाकात को मुस्लिम वोट पाने की सियासी साज़िश बताया.
➤ तीसरा मोर्चा यानी पीडीएम जाहिर है INDIA गठबंधन के लिए मुसीबतें बनकर आएगा. क्योंकि दोनों का टार्गेट वोट लगभग एक ही है. PDA और PDM में भले ही थोड़ा अंतर नजर आ रहा हो लेकिन मकसद दोनों का लगभग एक ही है. यहां यह भी बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 2017 में यूपी की 38 विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाई थी और एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली थी. ऐसे में ये देखने लायक होगा लोकसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा क्या करता है.