झारखंड में पीएम मोदी के बड़े ऐलान के बीच कांग्रेस ने दागे चौंकाने वाले सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में 660 करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिसमें वंदे भारत ट्रेनों का शुभारंभ और पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थियों को चाबियां देना शामिल है. लेकिन कांग्रेस ने इस पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं, जो इस विकास के पीछे की असली सच्चाई को उजागर कर सकते हैं. जानिए कांग्रेस के सवाल क्या हैं और इस पूरे घटनाक्रम का सच क्या है?
Jharkhand News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड में 660 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया. इन परियोजनाओं में टाटानगर से छह वंदे भारत ट्रेनों का शुभारंभ, हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की आधारशिला और देवघर जिले में मधुपुर बाईपास लाइन का उद्घाटन शामिल है. पीएम मोदी ने कुरकुरा-कनारूआं लाइन के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित किया है.
प्रधानमंत्री ने पीएम आवास योजना के तहत 32,000 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए और 32 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की. इसके साथ ही देशभर में पीएम आवास योजना के 46,000 लाभार्थियों को वर्चुअल माध्यम से चाबियां सौंपी गईं. झारखंड में इस योजना के तहत 1,13,400 घरों को मंजूरी दी गई है.
विकास की दिशा पर पीएम मोदी का बयान
पीएम मोदी ने कहा कि पहले आधुनिक विकास सिर्फ कुछ बड़े शहरों तक सीमित था जबकि झारखंड जैसे राज्य पिछड़े हुए थे. लेकिन 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत ने पूरे देश की सोच बदल दी है. उन्होंने बताया कि झारखंड के रेलवे विकास के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जो पिछले 10 साल के बजट से 16 गुना ज्यादा है. इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा से तीन सवाल पूछे हैं.
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री आज झारखंड के जमशेदपुर में हैं। उन्हें इन तीन सवालों का जवाब झारखंड की जनता को देना चाहिए -
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 15, 2024
1. जमशेदपुर के लोग अभी भी ख़राब कनेक्टिविटी की समस्या से क्यों जूझ रहे हैं?
एक औद्योगिक केंद्र होने के बावजूद जमशेदपुर ख़राब परिवहन कनेक्टिविटी की समस्या से…
ये हैं कांग्रेस के तीन सवाल
1. जमशेदपुर के लोग अब भी खराब कनेक्टिविटी से क्यों जूझ रहे हैं?
2. आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र को पर्यावरण मंजूरी क्यों नहीं मिली?
3. पीएम ने आदिवासियों को उनकी धार्मिक पहचान से वंचित क्यों किया और सरना कोड को मान्यता देने से क्यों इंकार किया?
इस प्रकार, पीएम मोदी की परियोजनाओं की शुरुआत और कांग्रेस के सवालों ने झारखंड की वर्तमान समस्याओं और विकास की दिशा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है.