बुलडोजर की बातों में उठी राजनीति की धूल, योगी और अखिलेश का दिखा तीखा टकराव

UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच तकरार तेज हो गई है. अखिलेश ने 2027 में सपा की सरकार बनने पर गोरखपुर में बुलडोजर चलाने की बात कही, जिसे योगी ने चुनौती मान लिया. योगी ने पलटवार करते हुए कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए हिम्मत चाहिए और जो अपराधियों के खिलाफ खड़ा नहीं हो सकते वे बुलडोजर नहीं चला सकते. इस जुबानी जंग के बीच जनता किसे सही मानती है और किसे गलत ये देखना दिलचस्प होगा.

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CM Yogi Adityanath Action On Bulldozer: हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. मामला तब गरमा गया जब अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की एक सभा में कहा कि साल 2027 में सपा की सरकार बनने के बाद सभी बुलडोजरों को गोरखपुर की तरह मोड़ देंगे. गोरखपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है और वहां कई बार बुलडोजर एक्शन चल चुका है, जिसकी वजह से योगी ने इसे सीधी चुनौती मान लिया.

योगी का अखिलेश को जवाब

योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'टीपू भी सुल्तान बनने का सपना देख रहे हैं. बुलडोजर चलाने के लिए हिम्मत चाहिए जो लोग अपराधियों के सामने नाक रगड़ते हैं, वे बुलडोजर कैसे चला सकते हैं?' योगी ने इस तंज के माध्यम से अखिलेश यादव पर सीधा  निशाना साधते हुए इशारे के माध्यम से बताया कि उनमें वास्तविक ताकत और साहस की कमी है.

अखिलेश की योगी से नाराजगी

दरअसल अखिलेश यादव की नाराजगी का कारण यह है कि योगी सरकार ने हाल ही में दो सपा नेताओं के घरों को बुलडोजर से ढहा दिया. अयोध्या में एक सपा नेता और उसकी बेकरी के कर्मचारी पर नाबालिग के साथ रेप का आरोप लगा था, जबकि कन्नौज में भी इसी तरह का मामला सामने आया. इन घटनाओं के बाद अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप लगाया.

सुप्रीम कोर्ट का बयान

सुप्रीम कोर्ट के बयान के बाद, जिसमें कहा गया था कि किसी आरोपी के घर पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता, अखिलेश यादव ने गुस्सा जाहिर किया. जिसपर योगी सरकार का कहना है कि बुलडोजर केवल अवैध निर्माण पर चलाए गए हैं, जिन्हें पहले कई नोटिस दिए गए थे. इन सब घटनाओं के बीच, योगी और अखिलेश की यह जुबानी जंग यूपी के आगामी चुनावों के संदर्भ में भी काफी महत्वपूर्ण है और अब देखना होगा कि जनता किसके बयान को सही मानती है और किसके दावे को समर्थन देती है.

First Updated : Wednesday, 04 September 2024