पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों के सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन करने के साथ 42 सीटों में से 29 सीटों पर जीत हासिल की है. यह पिछले चुनाव से सात सीट अधिक है. पार्टी के महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी डायमंड हार्बर सीट पर 7.10 लाख से अधिक वोटो से अंतर सी जीत दर्ज की है.
अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया (X) पर लंबे पोस्ट में लिखा कि इस चुनाव में बड़ी जीत दिलाने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि थोड़े समय के लिए फिलहाल ब्रेक ले रहा हूं.उनके ब्रेक की जानकारी राज्य में सियासत की तरह अटकले तेज हो गई है. पार्टी के मुताबिक अभिषेक बनर्जी नई सरकार के गठन के बाद पहले संसदीय सत्र और जुलाई में प्रस्तावित बजट सत्र में भी शामिल नहीं होंगे.
पिछले साल लगभग इसी समय मुझे नाबोजोवार यात्रा में भाग लेने का अवसर मिला और मैंने ज़मीनी स्तर पर लोगों के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों को समझने के लिए पूरे पश्चिम बंगाल की यात्रा की. बढ़ती कीमतों और मनरेगा बकाया के रुकने से होने वाली कठिनाइयों को प्रत्यक्ष रूप से देखकर मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा. जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए मामले को दिल्ली तक ले गए, परिवारों की मदद के लिए लक्ष्मीर भंडार योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता में वृद्धि के साथ, फरवरी में इस पर ध्यान दिया गया.
हम पर विश्वास और विश्वास के लिए मैं बंगाल के लोगों का बहुत आभारी हूं. 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे लोगों के गुस्से और हताशा को दर्शाते हैं, खासकर राज्य-केंद्र संघर्ष के कारण बुनियादी आवास अधिकारों की उपेक्षा को लेकर. हमने 31 दिसंबर तक इसका समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई है और मैंने पहले ही एचसीएम और पश्चिम बंगाल सरकार के संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है.
आगे उन्होंने कहा कि कुछ आवश्यक चिकित्सा कारणों के आलोक में मैं संगठन से कुछ समय के लिए अवकाश ले रहा हूँ. यह अवकाश मेरे लिए विनम्रतापूर्वक हमारे लोगों और समुदाय की जरूरतों को तलाशने और समझने का अवसर होगा. मुझे विश्वास है कि पश्चिम बंगाल सरकार तेजी से कार्रवाई करेगी और जरूरतमंद लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. First Updated : Thursday, 13 June 2024