Prashant Kishor: 2 अक्टूबर को गदर काटेंगे PK, लॉन्च करेंगे अपनी नई पार्टी
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को पटना के वेटनरी कॉलेज में अपनी नई पार्टी 'जन सुराज' को लॉन्च करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं. इस दौरान पार्टी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है, जिसमें चुनाव चिन्ह से लेकर संविधान तक के सभी पहलुओं पर काम किया गया है.
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को पटना के वेटनरी कॉलेज में अपनी नई पार्टी 'जन सुराज' लॉन्च करेंगे. पार्टी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें चुनाव चिन्ह से लेकर संविधान तक के सभी पहलुओं पर काम किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जन सुराज का संविधान तैयार हो चुका है, जिसमें दो प्रमुख व्यवस्थाएं की गई हैं. पहली चुनाव लड़ने की न्यूनतम क्वालिफिकेशन. दूसरा राइट टू रिकॉल. दरअसल, इन दोनों व्यवस्थाओं को देश में किसी भी पार्टी द्वारा पहले कभी लागू नहीं किया गया है.
पार्टी के संविधान में क्या- क्या?
1-नाम और रजिस्ट्रेशन
दल का नाम 'जन सुराज' होगा, और यह एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में रजिस्टर किया जा चुका है। चुनाव आयोग ने मार्च में इसे 'सेब' चिन्ह प्रदान किया था, लेकिन अब चिन्ह पर पुनर्विचार हो रहा है.
2-संरचना
पार्टी में एक अध्यक्ष, संगठन महासचिव, उपाध्यक्ष, और सचिव होंगे। सेंट्रल कमेटी, जिसमें 19 से 21 सदस्य होंगे, सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेगी. प्रशांत किशोर भी इस कमेटी के सदस्य हो सकते हैं.
3-टिकट के लिए क्वालिफिकेशन
पार्टी ने विधायकी के टिकट के लिए 10वीं पास को न्यूनतम क्वालीफिकेशन तय की है, ताकि दलित और वंचित वर्ग के लोग भी राजनीति में भाग ले सकें.
4-राइट टू रिकॉल:
यह व्यवस्था उन प्रतिनिधियों को पद छोड़ने की अनुमति देती है जो अपने वादों को निभाने में असफल रहते हैं.
5-संगठन स्तर:
जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन को दो भागों में बांटा जाएगा: एक मुख्य संगठन और एक अभियान समिति, जो मुद्दों पर लोगों से संपर्क करेगी.
6-फ्रंटल संगठन:
पार्टी में महिला, युवा, और किसान फ्रंटल संगठन शामिल होंगे, और भविष्य में इसे और बढ़ाया जा सकता है.
लक्ष्य और चुनावी रणनीति
जन सुराज 2 अक्टूबर को अपने अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा करेगा. पार्टी ने 1 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है, जबकि बिहार की कुल जनसंख्या लगभग 12 करोड़ है.
उपचुनाव और भविष्य की योजनाएं
जन सुराज सबसे पहले बिहार में विधानसभा उपचुनाव में भाग लेगी. बिहार की चार सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित हैं, जिनमें कैमूर, गया, और भोजपुर की सीटें शामिल हैं. प्रशांत किशोर इसे अपने राजनीतिक परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, खासकर क्योंकि 2000 के बाद से कोई नई पार्टी बिहार में स्थायी रूप से नहीं जमी है. विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रशांत किशोर की नजरें अब इन उपचुनावों पर हैं. बिहार में अक्तूबर 2025 में विधानसभा की 243 सीटों पर मतदान प्रस्तावित है.