महाकुंभ भगदड़: 30 मौतों के बाद सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन, जानिए पूरी खबर!
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए दर्दनाक हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. हादसा उस वक्त हुआ जब भारी भीड़ संगम तट की तरफ बढ़ी और भगदड़ मच गई. प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया. इस हादसे के बाद, सरकार ने घायलों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है. मेला प्रशासन ने स्थिति सामान्य होने की बात कही, लेकिन यह घटना प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है. पूरी जानकारी और राहत कार्यों के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
![X प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ से शोक, हेल्पलाइन नंबर जारी](https://images.thejbt.com/uploadimage/library/16_9/16_9_0/--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------1933437110.webp)
Prayagraj Kumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर हुए दर्दनाक हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. इस हादसे के बाद सरकार ने पीड़ितों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है, ताकि लोग घायलों की जानकारी प्राप्त कर सकें और अपनी सहायता दे सकें.
घटना कैसे हुई?
महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी. ब्रह्म मुहूर्त में लोग संगम नोज की तरफ बढ़ने लगे, और रात 1 बजे से 2 बजे के बीच भीड़ बढ़ गई. इस दौरान श्रद्धालुओं ने कुछ बैरिकेडिंग तोड़कर नीचे सो रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ाई की, जिसके कारण भगदड़ मच गई. कुछ लोग कुचले गए और कई लोग घायल हुए. तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और एंबुलेंस के जरिए लगभग 90 घायलों को अस्पताल भेजा गया, लेकिन अफसोस की बात है कि इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
घायलों और मृतकों की जानकारी
मेला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में कर्नाटक के 4, असम के 1 और गुजरात के 1 श्रद्धालु शामिल थे. 36 घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज के एस आर एन अस्पताल में चल रहा है. कुछ घायलों को इलाज के बाद उनके परिजन घर वापस ले गए. अभी भी 5 मृतकों की पहचान होनी बाकी है.
महाकुंभ प्रशासन का कहना है
मेला अधिकारी विजय किरन आनंद और डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि स्थिति अब सामान्य है और प्रशासन की ओर से सभी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. डीआईजी वैभव कृष्ण ने यह भी बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी शंकराचार्यों और महामंडलेश्वरों से बातचीत कर आग्रह किया था कि वे इस अमृत स्नान में भाग लें. इसके बाद सभी शंकराचार्यों और अखाड़ों की मदद से स्नान को सकुशल संपन्न कराया गया.
सख्त निर्देश: वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं
महाकुंभ मेले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिए थे कि मौनी अमावस्या के दिन कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा. अब तक जो प्रमुख स्नान पर्व हुए हैं, उनमें भी वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि अब प्रशासन की प्राथमिकता श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराकर वापस भेजने की है.
हेल्पलाइन नंबर से मदद पाएं
सरकार ने इस दुर्घटना के बाद घायलों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है. इससे श्रद्धालु या उनके परिवारजन घायलों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उनकी मदद कर सकते हैं.
शोक और सुरक्षा की प्राथमिकता
महाकुंभ में इस घातक हादसे के बाद, प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं. मेला अधिकारी ने कहा कि प्रशासन अब यह सुनिश्चित करेगा कि आगे से ऐसे हादसे न हों और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी करें.