बेटे के पास करोड़ो की संपति, IAS अधिकारी के दादा- दादी ने की आत्महत्या, वजह कर देगी हैरान
हरियाणा बाढ़ड़ा की एक शिव कॉलोनी में स्थित एक परिवार जो की मूल रूप से गोपी इलाके में रहते हैं, इस परिवार में 78 वर्ष के जगदीश चंद्र आर्य और उनकी 77 वर्षीय पत्नी भागली देवी ने सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली।
हरियाणा के चरखी - दादरी के बाढ़ड़ा की एक शिव कॉलोनी ने दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहाँ बुजुर्ग दंपत्ति ने जहर खा कर खुदखुशी कर ली। इसके पीछे की वजह जानकर आप वाकई में हैरान हो जायेंगे और आपका भी दिल पसीज जायेगा।
दरअसल, हरियाणा बाढ़ड़ा की एक शिव कॉलोनी में स्थित एक परिवार जो की मूल रूप से गोपी इलाके में रहते हैं, इस परिवार में 78 वर्ष के जगदीश चंद्र आर्य और उनकी 77 वर्षीय पत्नी भागली देवी ने सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक दोनों बुर्जुग दंपति आईएएस (IAS) विवेक आर्य के दादा दादी थे। विवेक आर्य को 2021 में आईएएस अधिकारी तौर पर चुने गए थे और वह इस समय अंडर ट्रेनिंग पर थे।
क्या थी आत्महत्या की वजह ?
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की यह घटा 29 मार्च 2023 की है, जिस रात दोनों दंपति (78) जगदीश चंद्र आर्य और उनकी पत्नी (77) भागली देवी ने सल्फास की गोलियां खा ली थीं। पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और जांच - पड़ताल की। जहाँ उन्हें दंपति ने पुलिस को सोसाइड नोट दे दिया था। दोनों बुर्जुग दंपति की बिगड़ती हालत को देखकर पुलिस ने तत्काल ही उन्हें सिविल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया, जहाँ उन दोनों के उपचार के दौरान मौत हो गयी।
सोसाइड नोट पर पीड़ित दंपति ने बयां किया अपना दर्द
पुलिस ने जब दंपति का दिया हुआ सोसाइड नोट पढ़ा तो उसे पढ़ वह भी हैरान हो गए। नोट में जगदीश चंद्र आर्य ने लिखा - घर से निकाले जाने के बाद मैं दो साल तक एक अनाथ आश्रम में रहा ... जब मैं वापस आया तो उन लोगों ने घर में ताला लगा दिया था। इस बीच मेरी पत्नी को लकवा मार गया और हम अपने दूसरे बेटे के पास रहने लगे। कुछ समय बाद हमारे दूसरे बेटे ने भी हमें साथ रखने से मना कर दिया और हमें बासी खाना देने लगे। मैं यह मीठा जहर और कितने दिन खाता भला, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली हैं। मेरी मौत के जिम्मेदार मेरे दोनों बेटों की पत्नियां (पुत्रवधु ), एक बीटा और भतीजा है। जितने दुःख - दर्द और जुल्म उन्होंने मुझपर किये हैं ऐसा कोई संतान अपने माँ - बाप के साथ ना करे।
मेरी संपत्ति आर्य समाज को दी जाये
नोट में आगे लिखते हुए जगदीश चंद्र आर्य ने लिखा - मेरी मौत के बाद बात सुनने वालों से यह विनती है की इतना जुल्म किसी भी माता - पिता नहीं करना चाहिए। मैं चाहता हूँ की सरकार और यह समाज इन लोगों के किये का दंड दें,जभी मेरी आत्मा को शांति मिलेगी और मेरी बैंक में दो एफडी और बाढ़ड़ा में मौजूद दुकान को आर्य समाज बाढ़ड़ा को दे दी जाये।
पुलिस ने किया केस दर्ज
मृतक के बेटे वीरेंद्र ने जानकारी देते हुए कहा की जहर खाने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। उन्हें जो नोट मिला उसे सोसाइड नोट मान सकते हैं। इस नोट के जानकारी के आधार पर पुलिस ने दोनों बहुओं, बीटा वीरेंद्र और भतीजे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच - पड़ताल शुरू कर दी है।