पंजाब : 31 मार्च तक आएगी नई कृषि नीति, सरकार ने गठित की 11 सदस्यीय कमेटी
पंजाब सरकार की नई कृषि नीति इस साल 31 मार्च तक तैयार हो जाएगी। पंजाब की मान सरकार ने इसे लेकर कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय कमेटी गठित कर अधिसूचना जारी की।
पंजाब सरकार की नई कृषि नीति इस साल 31 मार्च तक तैयार हो जाएगी। पंजाब की मान सरकार ने इसे लेकर कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय कमेटी गठित कर अधिसूचना जारी की। पंजाब भवन में आयोजित के प्रेस कॉनफ्रेंस में पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस बात की जानकारी दी।
इस मौके पर धालीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के किसानों की भलाई और कृषि की व्यवस्था में सुधार करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए इस साल 31 मार्च तक पंजाब की अपनी किसान और वातावरण अनुकूल नई कृषि नीति तैयार की जाएगी। इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सपर्ट्स की 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।
प्रदेश सरकार की तरफ से 12 फरवरी को पहली सरकार-किसान मिलनी की जा रही है। ये कार्यक्रम कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में होगा। जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। इसमें पंजाब के हर कोने से ढाई हजार से अधिक प्रगतिशील किसान हिस्सा लेंगे। इस दौरान किसानों के साथ कृषि नीति के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा और उनके सुझाव लिए जाएंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार नई कृषि नीति, पंजाब के कुदरती स्रोतों जैसे कि जमीनी पानी, मिट्टी की सेहत और भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है। नई कृषि नीति में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कृषि पैदावार में गुणवत्ता, निर्यात और कृषि विभिन्नता जैसे पहलुओं पर खास ध्यान दिया जाएगा। पंजाब का पाकिस्तान बॉर्डर के साथ लगता क्षेत्र पूरी दुनिया में उत्तम किस्म की बासमती पैदा करने के लिए जाना जाता है। इस नई कृषि नीति में बासमती को परमल धान के विकल्प के तौर पर अपनाने और बासमती निर्यात को उत्साहित करने का प्रस्ताव भी शामिल किया जाएगा।
धालीवाल ने कहा कि पंजाब आज वातावरण और सेहत संकट से जूझ रहा है, जिसमें उपजाऊ भूमि अब गैर-उपजाऊ भूमि में बदल रही है। जमीनी पानी में जहर की मात्रा दिनोंदिन बढ़ रही है। इससे बाहर निकलने और कुदरती कृषि के लिए नई नीति बनाने का वादा करते हुए धालीवाल ने कहा कि जल्दी ही पंजाब के किसानों को जहर मुक्त कृषि मॉडल दिया जाएगा।
किसानों को ऑनलाइन सुविधा देते हुए कृषि मंत्री ने मंगलवार को बीज उत्पादन पोर्टल और एप जारी की। उन्होंने बताया कि यह देश की पहली ऐसी एप है, जिसके जरिये राज्य के किसान बीजों की उपलब्धता और किस्मों संबंधी ऑनलाइन जानकारी हासिल कर सकेंगे।