जालंधर। अगर कोई गैर-जरूरी इंसान धमकी भरे लहजे में वह स्थान हासिल करने की जबरदस्ती करने लगे जो उसके लिए उपयुक्त नहीं है तो समझ लो कि खुशनुमा माहौल भी फसाद के लपेटे में आने से कोई नहीं रोक सकता है।
आजकल कुछ ऐसा ही फसाद पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पी.सी.ए.) में सार्वजनिक तौर पर देखने और सुनने को मिल रहा है। हर तरफ यह चर्चा आम है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक धमकी ने पी.सी.ए. को एक ऐसे चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसके सभी रास्ते दलदल की तरफ जाते हैं।
इससे पी.सी.ए. की दशा और दिशा दोनों ही बदल गई। यह किस्सा एक दिलचस्प फिल्मी कहानी की तरह है। पुरानी एसोसिएशन की जगह जब नई एसोसिएशन के गठन के अवसर पर कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा यह फैसला किया गया कि किसी भी दागी व्यक्ति को पी.सी.ए. में स्थान नहीं दिया जाएगा।
यही वह समय था जब एक दागी व्यक्ति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के धमकी दे डाली कि अगर उसे पी.सी.ए. में कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं दिया गया तो मैं उस आदमी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नंगा कर दूंगा जो ईमानदारी का नकाब ओढ़ कर इज्जतदार बना हुआ है।
यह असर उस धमकी का ही था कि अब यही दागी आदमी पी.सी.ए. के एक प्रतिष्ठित पद पर अपनी इज्जत को चार चांद लगा रहा है। इस सूरत-ए-हाल में जो सवाल पैदा होता है वह यह है कि पी.सी.ए. में दागी एक है या दो? First Updated : Wednesday, 02 November 2022