BSF ने सीमापार से आने वाले पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराने वाली टीम को सम्मानित किया है। आपको बता दें कि पंजाब में ड्रोन से नशा और हथियारों की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। सीमा सुरक्षा बल राइफल फायरिंग या जैमिंग तकनीक से पाकिस्तान ड्रोन को मार गिराने वाली ट्रीम को एक लाख रुपये की नकद राशि दे सम्मानित कर रही है। इससे पहले जालंधर स्थित BSF की पंजाब फ्रंटियर ने ड्रोन व नशा-हथियारों के तस्करों के बारे में जानकारी देने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी। साल 2022 में सरहद पार 22 ड्रोन को मार गिराने में बीएसएफ ने सफलता हासिल की।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि एक दर्जन से अधिक टीमों को इनाम दिया जा चुका है। आंकड़ो के अनुसार बताया जा रहा है कि 2020 और साल 2021 केवल एक -एक ड्रोन को मार गिराया था। मगर इस बार यह आंकड़ा 22 तक पहुच गया है। आधिकारिक आकड़ो के अनुसार देश के कुछ राज्यों में 2,289 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन देखे जाने की संख्या 2020 में 77 से बढ़कर 2021 में 104 और इस साल 23 दिसंबर तक 311 हो गई है। इनमें से लगभग 75 प्रतिशत ड्रोन पंजाब में देखे गए हैं। पाकिस्तान पंजाब में लगातार नशा और हथियारों की खेप भेजने की फिराक में लगा है। यही वजह है कि यहां ड्रोन की अधिक गतिविधियां देखने को मिलती हैं।
बीएसएफ ने इलेक्ट्रानिक जैमर और स्पूफर्स को भी सीमा तैनात किया है। इसकी मदद से ड्रोन का रास्ता भटकाने और मार गिराने में मदद मिलती है और स्पूफर ऐसे गैजेट हैं जो विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उत्सर्जन करते है और ड्रोन को नकली GPS सिग्नल भेजते है और उन्हे बाद में सॉफ्ट किल नामक डिवाइस के पायलट या जवानों फायरिंग करके मार गिराया जाता है। हाई किल नाम की बंदूक से जवान ड्रोन को मार गिराते है।
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