रेलवे इन दिनों बच्चों की हरकतों से बेहद परेशान है। आमतौर पर बच्चे शरारत करते है लेकिन कई बार उनकी ये शरारत काफी भारी पड़ जाती है। बता दें कि इन दिनों रेलवे विभाग शरारती बच्चों की हरकतों से परेशान है और ये परेशानी भी ऐसी-वैसी नहीं, बल्कि ट्रेनों पर पथराव को लेकर है। असल में ट्रेनें कई ऐसे आबादी वाले इलाकों, गांवों से गुजरती हैं जहां ट्रेनों पर पथराव किया जाता है।
रेलवे की जांच में कई बार ये पता चला है कि बच्चे खेल-खेल में रेलगाड़ियों पर पत्थर फेंकते हैं। उनके इस खेल का खामियाज़ा ट्रेन में सफ़र कर रहे यात्रियों को भुकतना पड़ता है। कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई है कि मुसाफिरों के सिर फूट गए। वहीं गेट पर खड़े यात्रियों के मोबाइल भी नीचे गिर गए। वहीं अब ट्रेनों पर पथराव का मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया है।
रेलवे बोर्ड ने इस मामले में सख्ती बरतने के निर्देश दिए है। इसके बाद सभी जोन में रेलकर्मी और रेलवे सुरक्षा बल की संयुक्त टीमों से जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। यह टीमें बच्चों को समझाएंगी, बड़ों को अल्टीमेटम देंगी। इसके बाद भी नहीं सुधरे तो इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज, कौशाम्बी, कानपुर सेंट्रल, अनवरगंज, आगरा, मिर्जापुर समेत अन्य दूसरे जोन और मंडलों में ट्रेनों पर पत्थर फेंकने की घटनाएं सामने आई हैं। कई यात्रियों के जख्मी होने के बाद रेलवे बोर्ड से रिपोर्ट मांगी गई।
आरपीएफ(RPF) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि असल में कई इलाके ऐसे हैं जहां पटरियां रिहायशी इलाकों के करीब हैं, छतों से बच्चे पत्थर फेंकते हैं। ऐसा शरारतवश किया जा रहा है। इस पर मंथन के बाद बच्चों को समझाने और जागरूक करने के लिए टीमें बनाने का आदेश दिया गया है। First Updated : Thursday, 05 January 2023