Maharastra: कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है और महाराष्ट्र में यह ग्रामीण क्षेत्रों की आय का मुख्य स्रोत है. चावल, गन्ना, ज्वार, बाजरा और विभिन्न फल-सब्जियों के साथ-साथ काजू जैसी फसलों की खेती यहां प्रमुखता से की जाती है. लेकिन आज के दौर में, किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे मौसम की अनिश्चितता, फसलों के दामों में गिरावट और उत्पादन लागत का बढ़ना. ऐसे में महायुति सरकार ने किसानों की समृद्धि के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं.
न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि
किसानों की आय बढ़ाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. प्याज, सोयाबीन, कपास, ज्वार और चावल जैसी फसलों के लिए MSP में बढ़ोतरी की गई है. यह कदम किसानों को बेहतर दाम दिलाने में मदद करेगा. विशेष रूप से, गन्ने के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ाने का निर्णय लिया गया है जो पश्चिमी महाराष्ट्र के किसानों के लिए महत्वपूर्ण है.
बिजली आपूर्ति में सुधार
किसानों के लिए बिजली की उपलब्धता भी एक बड़ी समस्या थी. महायुति सरकार ने 44 लाख किसानों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति का वादा किया है. इससे किसानों को खेती के कार्यों में आसानी होगी. अब उन्हें रात में खतरनाक परिस्थितियों में फसलों की सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके साथ ही, सौर ऊर्जा परियोजनाओं की शुरुआत भी की जा रही है जिससे किसानों को दीर्घकालिक लाभ मिल सके.
सोयाबीन किसानों को सहायता
सोयाबीन महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण फसल है. इसके उत्पादन में किसानों को मदद करने के लिए सरकार ने प्रति हेक्टेयर 5,000 रुपये देने का निर्णय लिया है. यह विशेष रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
काजू किसानों के लिए सब्सिडी
कोंकण क्षेत्र के काजू उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने सब्सिडी की योजना शुरू की है. इससे काजू किसानों को और भी लाभ होगा. आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाने से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.
जल संकट का समाधान
पश्चिमी विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र में जल संकट एक गंभीर समस्या है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई नदी जोड़ने वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी है. ये परियोजनाएं हजारों करोड़ रुपये के निवेश के साथ जल आपूर्ति को बेहतर बनाएंगी.
मराठवाड़ा वाटर ग्रिड
सरकार ने जलयुक्त शिवार योजना के तहत खेत, तालाब, कुएं और ड्रिप सिंचाई जैसी सुविधाओं को फिर से सक्रिय किया है. इसके अलावा, निलवांडे बांध के उद्घाटन से अकोले, संगमनेर और अन्य तालुकों में सिंचाई की सुविधा बढ़ी है. इससे कई गांवों की कृषि उत्पादकता में सुधार होगा.
किसानों को वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सीधे सहायता मिल रही है. असमय बारिश से प्रभावित किसानों को तुरंत 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है. इसके अलावा, नियमित ऋण चुकाने वाले किसानों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन आधारित ऋण माफी का लाभ भी मिल रहा है.
इन सभी पहलों के माध्यम से महायुति सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि महाराष्ट्र के किसान अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें और आर्थिक संकट से उबर सकें. यह कदम न केवल किसानों के लिए बल्कि राज्य की समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे. First Updated : Monday, 23 September 2024