Rajasthan Politics: CM, संगठन से नाराजगी नहीं! फिर किस बात पर किरोड़ीलाल मीणा ने दिया इस्तीफा

Rajasthan Politics: राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कृषि मंत्री मीणा ने माउंट आबू में किसानों के सम्मेलन में अपने इस्तीफा का खुलासा किया था. तब उन्होंने कहा था कि वो राजस्थान के कृषि मंत्री हैं और प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए काम करेंगे. ऐसे में अचानक मीणा के इस्तीफे को राजस्थान में बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

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Rajasthan Politics:  प्राण जाई पर वचन न जाई...रामचरितमानस की इस चौपाई का मतलब होता है कि, चाहे प्राण चले जाएं लेकिन वचन नहीं जाना चाहिए. ये कहावत हम इसलिए पेश किए हैं क्योंकि, राजस्थान के कृषि मंत्री ने भी कुछ ऐसा ही किया है. हाल के लोकसभा चुनावों के दौरान, राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि अगर भाजपा उनकी जिम्मेदारी वाली सात सीटों में से एक भी हार जाती है तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे. आज वह अपने वचन पर कायम रहते हुए कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिए हैं. पीटीआई ने उनके सहयोगी के हवाले से बताया कि लोकसभा चुनाव में उनके अधीन निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.

बता दें कि, डॉ. मीणा ने 20 जून को ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था लेकिन पार्टी के वरिष्ठ उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे थे ताकि वो अपना इस्तीफा वापिस ले लें. कई नेताओं ने सोचा कि, उन्होंने केवल बयानबाजी और चुनाव प्रचार के लिए मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही थी लेकिन वो अपने वचनों पर कायम रहें. हालांकि,  मंत्री पद से इस्तीफा देकर डॉ. मीणा ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी चौंका दिया है.

किरोड़ीलाल मीणा ने दिया इस्तीफा

किरोड़ीलाल मीणा के एक सहयोगी ने कहा, "किरोड़ी मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने 10 दिन पहले मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे दिया था. इस बीच आज किरोड़ीलाल मीणा के ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रामचरितमानस की एक चौपाई साझा करते हुए कहा, "रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाई पर बचन न जाई". उन्होंने ये चौपाई लिखकर ये साबित करने की कोशिश किए हैं को वो अपने वचनो पर कायम हैं और उन्होंने जो बोला था वो करके भी दिखाया है. कृषि, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री के रूप में कैबिनेट विभाग संभालने वाले मीना ने वादा किया था कि अगर भाजपा उन सात सीटों में से एक भी हार जाती है, जहां उन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रचार किया था, तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

एक सीट पर चुनाव हार गए थे किरोड़ीलाल मीणा

उन्होंने पूर्वी राजस्थान के दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, अलवर, टोंक-सवाई माधोपुर और कोटा-बूंदी में अभियान चलाया था. इनमें से बीजेपी केवल कोटा और अलवर लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही. वोटों की गिनती से एक दिन पहले 3 जून को किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पूर्वी राजस्थान की सात सीटों की सूची दी थी, जिस पर उन्होंने कड़ी मेहनत की है. पीएम के दौसा आने से उन्होंने कहा था कि अगर (दौसा) सीट नहीं जीती तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे.

किरोड़ीलाल मीणा ने दिया था बड़ा बयान

इसके बाद पीएम ने उन्हें  7 सीटों की लिस्ट दी. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान 11 सीटों पर खूब मेहनत की और जमकर प्रचार प्रसार किया. हालांकि 7 सीटों पर उन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत की थी तब उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी उन 7 में से एक भी सीट हारती है तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के चुनावों में 14 सीट ही जीत पाई है, जबकि कांग्रेस ने आठ सीटें हासिल की. कांग्रेस के सहयोगी - सीपीआई (एम) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी - ने एक-एक सीट हासिल की. वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 25 में से 24 सीटें जीतकर जीत हासिल की थी और अपनी सरकार बनाई. First Updated : Thursday, 04 July 2024