मेरठ के रण में उतरे 'राम', जानिए अरुण गोविल से जुड़े 6 दिलचस्प फेक्ट्स
Aaj ka Sixer: लोकसभा चुनाव को शुरू को अब करीब एक महीने से भी कम समय बाकी है इस बीच देश की सभी राजनीतिक बड़ी पार्टियां अपने- अपने उम्मीदवारों को सामने मैदान में उतारना शुरू कर दिया
Aaj ka Sixer: लोकसभा चुनाव को शुरु को अब करीब एक महीने से भी कम समय बाकी है इस बीच देश की सभी राजनीतिक बड़ी पार्टियां अपने- अपने उम्मीदवारों को सामने मैदान में उतारना शुरु कर दिया. भाजपा ने अब तक 111 उम्मीदवारों का मैदान में उतार दिया है. इस बार भाजपा पार्टी ने चुनाव को देखते हुए कई ऐसे बदवाल किए है. पार्टी ने इस बार उत्तर प्रदेश की मेरठ सीट से अरुण गोविल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है अरुण गोविल को लेकर इस खबर में जनभावन टाइम्स अपने स्पेशल सीरीज "आज का सिक्कर" में इस खबर से जुड़े 6 बड़े कारण पेश कर रही हैं पढ़िए.
➤ 18 मार्च, 2021 को अरुण गोविल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उनको वहीं से सांसदी का टिकट भी दिया गया है जहां से वो पढ़े बढ़े हैं.
➤ अरुण गोविल फिलहाल एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता हैं. वे भारतीय टेलीविजन और सिनेमा में काम करते हैं. अरुण गोविल का सबसे प्रसिद्ध कार्य रामायण टीवी सीरियल में भगवान राम की भूमिका निभाना है, जो 1987 में अब तक के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली टेलीविजन शो में से एक बन गया है.
➤ अरुण गोविल ने रामायण के अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है. अरुण गोविल का काम भारतीय टेलीविजन और सिनेमा में उन्नति और प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है.
➤ यूपी के मेरठ से लगातार तीन बार सांसद बन रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर टीवी सीरियल रामायण के राम अरुण गोविल को लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया. बीते दिन सप्ताह से अरुण गोविल लोकसभा सीट को लेकर काफी चर्चों में बने थे.
➤ रामानंद सागर ने अरुण गोविस को अपनी टेलीविज श्रृंखला विक्रम और बेताल में विक्रमादित्य और रामायण में राम के रूप में कास्ट किया जिसके बाद वो काफी सुर्खियों में आ गए थे यहां तक लोग उन्हें भगवान राम का भी दर्जा देते हैं.
➤ अगर अरुण गोविल के जन्म और उनकी शिक्षा को लेकर बात करें तो उनका जन्म 12 जनवरी 1972 को यूपी के मेरठ में हुआ था. जहां उन्होंने इंजीनियरिंग विज्ञान का अध्ययन किया और कुछ नाटकों में अभिनय किया. उन्होंने अपना किशोर जीवन उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में बिताया.