NIA का बड़ा खुलासा, भाजपा कार्यालय पर हमला करने की असफल कोशिश के बाद रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट का खतरनाक प्लान

NIA ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा किया है. जांच के मुताबिक, हमलावरों ने 22 जनवरी को भाजपा कार्यालय पर आईईडी से हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह हमला असफल रहा. इसके बाद 1 मार्च को उन्होंने रामेश्वरम कैफे में बम धमाका किया, जिसमें 9 लोग घायल हुए. इन आतंकियों ने इस्लामिक स्टेट के अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़कर फर्जी नामों और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंडिंग की. पुलिस ने 42 दिन बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सवाल उठता है—क्या और भी ऐसे खतरनाक प्लान मौजूद हैं

calender

Bengluru: बेंगलुरु के रामेश्वरम रेस्टोरेंट पर हुए बम धमाके के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है. एनआईए के अनुसार बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे पर हमला करने वाले आतंकियों ने पहले भाजपा के कार्यालय पर हमला करने की योजना बनाई थी. उनकी योजना अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन भाजपा के राज्य कार्यालय को निशाना बनाने की थी.

भाजपा कार्यालय पर हमला

22 जनवरी को, इन आतंकवादियों ने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में स्थित भाजपा के कार्यालय पर आईईडी से हमला करने की कोशिश की थी. हालांकि, यह हमला असफल हो गया और इन आतंकवादियों को अपने खतरनाक इरादों में कामयाबी नहीं मिली. इस विफलता के बाद उन्होंने अपनी योजना को बदलते हुए नए लक्ष्यों की ओर ध्यान केंद्रित किया.

रामेश्वरम कैफे पर बम धमाका

अयोध्या हमले की असफलता के बाद, आतंकवादियों ने 1 मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे को निशाना बनाने का फैसला किया. इस बार उन्होंने कैफे में आईईडी विस्फोटक सामग्री रखी और धमाके को अंजाम दिया. धमाके में 9 लोग घायल हुए. इस धमाके के बाद पुलिस ने लगातार छापेमारी की और 42 दिन के भीतर आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया.

आतंकवादियों की गतिविधियां और फंडिंग

एनआईए की जांच के अनुसार, ये आतंकवादी इस्लामिक स्टेट के अल-हिंद मॉड्यूल से जुड़े हुए थे और 2020 से फरार थे. उनके हैंडलर उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पैसे भेजते थे, जिनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जाता था. शाजिब और ताहा ने विशेष रूप से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आईएसआईएस में भर्ती करने का काम किया.

आतंकवादी गतिविधियों का नेटवर्क

इन आतंकियों ने फर्जी नामों पर सिम कार्ड लिए और बैंक अकाउंट खोले. डार्क वेब का उपयोग कर वे अपनी गतिविधियों को अंजाम देते थे और फंडिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी का सहारा लेते थे. एनआईए की जांच के तहत, इन आतंकियों की पूरी योजना और उनकी गतिविधियों का भंडाफोड़ हो चुका है, जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

एनआईए की जांच ने बेंगलुरु में आतंकवाद के नेटवर्क और इन आतंकवादियों की खतरनाक योजनाओं का पर्दाफाश किया है. यह खुलासा सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है.

First Updated : Monday, 09 September 2024