'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन' की फाइल फिर से एलजी को भेजीः गोपाल राय

दिल्ली सरकार ने 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की फाइल एक बार फिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को विचारार्थ भेजी गई है। सोमवार को दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी दी है। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एलजी साहब तत्काल 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन की अनुमति दें।

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की फाइल एक बार फिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को विचारार्थ भेजी गई है। सोमवार को दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी दी है। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एलजी साहब तत्काल 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन की अनुमति दें।

गोपाल राय ने कहा कि हमने इस फाइल को एलजी के पास एक बार फिर विचार करने के लिए भेजी है। इसके साथ ही सरकार ने इस कैंपेन के पक्ष में अहम तथ्यों को भी भेजा है, जिससे यह साबित होता है कि इस कैंपेन से काफी फायदा होगा। इसी तरह का अभियान देश भर के 40 शहरों ने वाहनों के प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए इस तरह के अभियान चलाए हैं।

गोपाल राय ने कहा कि अमेरिका और लंदन में भी इस तरह के अभियान चलाए गए हैं। सीआरआरआई के मुताबिक, ट्रैफिक सिग्नल पर सिर्फ 20 फीसदी चालक ही इंजन बंद करते हैं, लेकिन यह पाया गया कि अभियान के दौरान 80 फीसदी लोगों ने सिग्नल पर अपने इंजन बंद कर दिए।

राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए पहली बार यह अभियान 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट के हरे होने की प्रतीक्षा करते हुए अपने वाहनों का इंजन बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे पहले गोपाल राय ने एलजी पर आरोप लगाया था कि वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले फाइल पर अपनी नोटिंग में उपराज्यपाल ने लिखा था कि अभियान सिविल डिफेंस कर्मियों को खतरे में डालने के अलावा और कुछ भी नहीं है। फाइल में कहीं से भी साबित नहीं होता कि यह प्रदूषण को रोकने में प्रभावी हो सकता है। उपराज्यपाल का आकलन है कि गंभीर स्तर के प्रदूषण के बीच सिविल डिफेंस कर्मियों को सिग्नल पर खड़ा करना खतरनाक है।

उपराज्यपाल ने यह भी रेखांकित किया है कि पिछले अभियानों के परिणाम प्रस्ताव में परिलक्षित नहीं होते हैं और शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए पहले के अभियानों के असर का समर्थन करने के लिए कोई प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट प्रदान नहीं की गई है।

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31 October 2022, 06:45 PM IST

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