रीवा: नौ साल पहले रिश्वत लेते पकड़े गए पटवारी को एक फिर लोकायुक्त ने 10 हजार रुपए लेते हुए दबोचा
मामला मध्यप्रदेश के रीवा शहर का है जहां लोकायुक्त की टीम ने पटवारी धीरज पांडे को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पटवारी निर्माण कार्य में आपत्ति लगाकर रिश्वत की मांग कर रहा था
मध्यप्रदेश। मामला मध्यप्रदेश के रीवा शहर का है जहां लोकायुक्त की टीम ने पटवारी धीरज पांडे को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पटवारी निर्माण कार्य में आपत्ति लगाकर रिश्वत की मांग कर रहा था। आपको बताते चलें कि इसके पहले भी वर्ष 2013 में आरोपित पटवारी 25 सौ की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा चुका है।
बुधवार को यह कार्रवाई पटवारी के रतहरा स्थित कार्यालय में की गई है। जियाउल हक लोकायुक्त ट्रेप अधिकारी की मौजूदगी में 12 सदस्यीय टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। मिली जानकारी के अनुसार अनुराग मिश्रा प्रॉपर्टी डीलर ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दी थी, कि रतहरा हल्का पटवारी धीरज पांडे निर्माण कार्य में आपत्ति लगाकर उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम ने जांच की। जिसमें बारीकी से जांच करने के बाद बुधवार को योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया गया। दोपहर करीब 12 बजे पटवारी धीरज पांडे को लोकायुक्त टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है।
साल 2013 में पकड़े गए थे धीरज -
आपको बता दें पटवारी धीरज पांडे द्वारा 30 दिसंबर 2013 में नामांतरण और ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में रिश्वत की मांग की गई थी। लोकायुक्त टीम रीवा ने 25 सौ की रिश्वत के साथ उन्हें गिरफ्तार किया था। निरीक्षक लोकायुक्त इंस्पेक्टर जियाउल हक, पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह, मुकेश मिश्रा, शैलेंद्र, शिवेंद्र, धर्मेंद्र, सुजीतपंच साक्षी सहित 12 सदस्य टीम में मौजूद रहे।
अधीक्षक लोकायुक्त -
अधीक्षक लोकायुक्त गोपाल धाकड़ ने बताया कि पटवारी की शिकायत मिली थी और शिकायत के आधार पर जांच की गई। जिसमें पटवारी दस हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले भी 2013 में पटवारी को 25 सौ रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।