रेवाड़ी: बाजरे की खरीद में हो रही अनियमितता के खिलाफ, सचिवालय पहुंचकर किया प्रदर्शन

ज्ञापन सौपने आए जय किसान आंदोलन के नेता अभय सिंह, जगमाल सिंह और बलवंत सिंह आदि ने बताया कि सरकार ने पहले ही बाजरे की खरीद देरी से शुरू की

Janbhawana Times
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संबाददाता- राजीव शर्मा (रेवाड़ी, हरियाणा)

हरियाणा: सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की सरकारी खरीद में बरती जा रही अनियमितता से किसान परेशान है। इसी के विरोध में स्वराज इंडिया के घटक दल जय किसान आंदोलन की ओर से सचिवालय पहुंचकर प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम सीटीएम को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौपने आए जय किसान आंदोलन के नेता अभय सिंह, जगमाल सिंह और बलवंत सिंह आदि ने बताया कि सरकार ने पहले ही बाजरे की खरीद देरी से शुरू की।

इससे पहले ही अधिकांश किसानों द्वारा अपना बाजरा प्राइवेट बेचा जा चुका था। ऐसे में अब दोबारा से सरकारी द्वारा खरीद करने से मना कर दिया गया है, जिस कारण किसानों को औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को विवश होना पड़ रहा है। किसानों को कम से कम 400 से 500 प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से बाजरे की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1 अक्टूबर से शुरू की गई।

रेवाड़ी जिले में तीन खरीद केंद्र बनाए गए जिनमें से दो पर ही नियमित खरीद हो पाई। हालांकि खरीद प्रक्रिया के सुचारु संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई, बावजूद इसके खरीद में तेजी नहीं आई। खरीद एजेंसियों द्वारा मात्र दो-चार ढेरिया खरीद कर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई। उन्होंने बताया कि सरकार के ढीले-ढाले रवैये से किसान परेशान हैं, किसान अपनी फसल मंडी में किस दिन बिक्री के लिए लेकर आए इसके लिए कोई शेड्यूल भी निर्धारित नहीं किया गया है।

प्रशासन ने आनन-फानन में किसानों को ही खरीद पोर्टल पर बिक्री शेड्यूल करने को कहा। सरकार की रोज बदलती बिक्री प्रक्रिया से किसान असमंजस में हैं, जिस कारण किसान फसल ना बिकने से परेशान है और ऊपर से बेमौसम बारिश से किसानों के ऊपर आफत आ पड़ी है। बारिश के कारण किसानों की फसल को तो नुकसान हुआ ही है, ऊपर से रबी की फसल की बिजाई भी लेट हो गई है। जिन किसानों ने सरसों की बिजाई कर दी थी या खाद डाल दिया था उन्हें फिर से बिजाई करनी होगी।

बारिश के कारण सारी फसल नष्ट हो गई है, उन्होंने बताया कि सरकारी खरीद में स्पेसिफिक नॉर्म्स यानी फसल गुणवत्ता की शर्त लगाना, बहाने बनाकर सरकार किसानों के साथ कुठाराघात कर रही है। इसलिए वे मांग करते हैं, कि किसान की पूरी फसल खरीदना सुनिश्चित करें। सभी किसानों को जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पंजीकरण कराया है, सभी को भावांतर योजना का लाभ मिले। फसल बीमा कंपनी द्वारा किसानों को वर्षा से हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए, बेमौसम बारिश से नष्ट हुई फसल की जल्द गिरदावरी करवा मुआवजा दिया जाए तथा किसानों के लिए खाद व बीज आदि की व्यवस्था की जाए।

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13 October 2022, 11:50 AM IST

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