ऋषिकेश: अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में फिर लगी आग, उठे कई सवाल
अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य के गंगापुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रविवार सुबह संदिग्ध हालत में आग लग गई
उत्तराखंड। अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य के गंगापुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रविवार सुबह संदिग्ध हालत में आग लग गई। रिजॉर्ट में लगी आग का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। अंकिता हत्याकांड के बाद से रिजार्ट बंद पड़ा हुआ है। रिजॉर्ट में आग लगने के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं।
रिजॉर्ट में आग की सूचना पाकर आनन-फानन में लक्ष्मणझूला पुलिस और दमकल विभाग के कर्मी मौके के लिए रवाना हुए। फिलहाल पुलिस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट कहने की स्थिति में होगी। मालूम हो कि अंकिता हत्याकांड के बाद रिजॉर्ट में अचानक बुलडोजर की कार्रवाई पर भी कई सवाल खड़े हुए थे।
अंकिता हत्याकांड का मामला सुर्खियों पर आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी का गठन किया था। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों को एसआईटी ने पुलिस रिमांड में भी लिया था। हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने दावा किया था कि हत्याकांड से जुड़े कई साक्ष्य जांच टीम को मिले हैं।
महिला संगठनों ने अंकिता हत्याकांड पर उठाए कई सवाल -
उत्तराखंड महिला मंच के नेतृत्व में देश के विभिन्न महिला संगठनों से जुड़ी कार्यकर्ताओं ने अंकिता की हत्या के मामले में अपनी शुरुआती जांच में प्रशासनिक लापरवाही के साथ हत्यारोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने का आरोप लगाया। इन महिला संगठनों ने कई जगह अंकिता हत्याकांड की तह तक जाने का प्रयास किया।
Rishikesh, Uttarakhand | A fire broke out at a factory owned by Pulkit Arya, the main accused in the Ankita Bhandari murder case, today. The reason for the fire is unknown, police present at the spot pic.twitter.com/UGNr43Jc6Y
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 30, 2022
उत्तराखंड महिला मंच की संस्थापक सदस्य उमा भट्ट ने बताया कि इस वारदात के बाद से राज्यभर में जो माहौल बना, उससे यह लगा कि कामकाजी महिलाओं का घर से बाहर जाकर नौकरी करना असुरक्षित है। इस ओर सोचा जाना चाहिए कि महिलाएं किस हाल या माहौल में काम कर रही हैं। उनका आरोप है कि अंकिता मामले में जांच से साफ है कि पुलिस-प्रशासन ने हर स्तर पर लापरवाही बरती।
अंकिता के पिता को केस कराने के लिए भी पौड़ी, ऋषिकेश और लक्ष्मणझूला थाने के चक्कर कटवाए गए। तीन दिन बाद गुमशुदगी की ही रिपोर्ट लिखी गई। जबकि, जीरो एफआईआर हो सकती थी। उन्होंने तीनों थानों के इंचार्ज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। उन्होंने पुलिस-प्रशासन के साथ सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
महिलाओं ने अफसरों को सौंपा सवालों का पुलिंदा -
दून में मुख्य सचिव, राज्य महिला आयोग, डीजीपी, एसआईटी प्रमुख, पर्यटन सचिव समेत कई अफसरों से मुलाकात के दौरान महिला संगठनों ने सवाल सौंपे। महिलाओं के दल में उत्तराखंड महिला मंच, पीयूसीएल, जनवादी महिला समिति, जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, सॉलीडेरिटी फाउंडेशन संगठन समेत कई संगठन शामिल हैं।
पोस्टमार्टम पर भी सवाल -
मानवाधिकार संगठन की कविता श्रीवास्तव ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्री-डेथ इंजुरी और डूबने से मौत लिखी गई। यानी बैराज में डुबोए जाने तक अंकिता जिंदा थी। यह हत्या का गंभीर स्वरूप है। उन्होंने सवाल उठाया कि पोस्टमार्टम के दौरान महिला गाइनो आखिर क्यों नहीं बुलाई गई? महिला संगठनों का दल श्रीनगर, श्रीकोट, चीला बैराज और वनंतरा रिजॉर्ट भी गया था। लेकिन, रिजॉर्ट में दल को प्रवेश ही नहीं करने दिया गया।