रोहतक: सरकार की नीतियों से त्रस्त सफाई कर्मचारी उतरे सड़कों पर
रोहतक नगर निगम और जिला में ग्राम स्तर पर ठेकेदारी पर लगाए गए लगभग साढ़े तीन सौ कर्मचारियों, जो 7 साल से लेकर 15 साल से सफाई और माली के रूप में सेवाएं कर रहे थे, को सरकार ने सेवा मुक्त कर दिया है।
संबाददाता- राजीव मेहता (रोहतक, हरियाणा)
हरियाणा। रोहतक नगर निगम और जिला में ग्राम स्तर पर ठेकेदारी पर लगाए गए लगभग साढ़े तीन सौ कर्मचारियों, जो 7 साल से लेकर 15 साल से सफाई और माली के रूप में सेवाएं कर रहे थे, को सरकार ने सेवा मुक्त कर दिया है।
जिसके बाद इन गरीब लोगों के सामने बच्चों के लिए रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। अब हटाए गए कर्मचारी उनकी सेवाएं बहाल करने के लिए जिला के आला अधिकारियों से कई दिन से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
आज रोहतक के मानसरोवर पार्क में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने इकट्ठे होकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन किया है और मांग की है कि सरकार उन्हें दोबारा से रोजगार दें ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।
हटाए गए सफाई कर्मचारी और मालियों ने आज अपनी सेवाएं बहाल करने के लिए सरकार से फिर से गुहार लगाई है। सफाई कर्मचारी दीपक और गीता का कहना है कि उनमें काफी लोग सफाई कर्मचारी के रूप में और माली के रूप में 7 साल से लेकर 15 साल से अपनी सेवाएं दे रहे थे।
जिसके चलते वह अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी खिलाकर पढ़ा लिखा रहे थे। अब काम छूटने के बाद उनके सामने भूखा मरने तक की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि वह कई दिनों से रोहतक के आला अधिकारियों के माध्यम से सरकार को अपनी सेवाएं बहाल करने के लिए ज्ञापन सौंप रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, वह सरकार से अपील करते हैं कि उनके बच्चों की जिंदगी की तरफ देखते हुए उनकी सेवाएं बहाल करे ।