शहर के 2 नामी विल्डरों को लाभ पहुंचाने वाले दो अधिकारियों को किया बर्खास्त

UPPCL ने फर्जी तरीके से कनेक्शन देने के मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है।

calender

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) ने फर्जी तरीके से कनेक्शन देने के मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है। यूपीपीसीएल की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों इंजीनियरों को दोषी पाया गया था। इसके अलावा तीन लोगों को एडवर्स एंट्री भी दी गयी है। जांच के दौरान यूपीपीसीएल के सामने आया था कि बिजली विभाग के अधिकारी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गलत तरीके से कनेक्शन देने में 120 करोड़ रूपए से अधिक का फर्जीवाड़ा किया गया था।

गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा में गौर संस रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड को 5200 केवी का विद्युत भार अनियमित रूप से देकर बिल्डर को लाभ पहुंचाने का काम किया था। जिससे यूपीपीसीएल को करोड़ों रूपए के राजस्व का नुकसान हुआ था।

यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम देवराज ने बिल्डर को विद्युत कनेक्शन दिए जाने के नाम पर कॉरपोरेशन को बड़ी राज्य सभा का नुकसान पहुंचाने के मामले में गंभीर माना है। जिसके चलते यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम देवराज ने इस मामले में अलग-अलग जांच कमेटी की रिपोर्ट और आरोपियों  के जवाब का अध्ययन करने के बाद यह फैसला लिया गया है।

यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम देवराज ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर माना कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिल्डर को लाभ देने के लिए विभाग को राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। बिल्डर को फायदा पहुंचाने का काम आरोपी अभियंताओं ने किया है।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गलत तरीके से कनेक्शन देकर किया करोड़ों का घोटाला-

बिजली विभाग के अधिकारियों ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गलत तरीके से कनेक्शन देकर यूपीपीसीएल को करोड़ों रूपए का घोटाला किया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसको लेकर सवाल भी खड़ा किया था। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से आरोप लगाया गया था कि पूरे प्रदेश में करीब एक हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का घोटाला फर्जी कनेक्शन देकर किया गया था। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गलत तरीके से कनेक्शन देने के मामले में यूपीपीसीएल ने जांच की तो उस जांच के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गलत तरीके से कनेक्शन देने के चते 120 करोड़ रूपए से अधिक के राजस्व की हानि विभाग को हुई थी।

First Updated : Saturday, 12 March 2022