उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में सफाई को लेकर एक मामला सामने आया है, कहा जा रहा है कि सरकार भले ही स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने के लिए गांव में तैनात सफाई कर्मचारियों पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही हो, लेकिन पीलीभीत में जिन सफाई कर्मचारियों को गांव में सफाई के तैनात होना चाहिए था बाबजूद इसके जिले के अफसरों ने 125 सफाई कर्मचारियों को अपनी सेवादारी में अटैच कर रखा है। दरअसल 125 कर्मचारियों की तैनाती जिले के अलग अलग गांव में तो है लेकिन अधिकारियों ने 125 सफाई कर्मचारियों को अपने ऑफिस, घर, गाड़ी चलाने सहित तमाम कामो में लगा रखा।
मजे की बात है यह सफाई कर्मचारी डीएम आफिस, डीएम आवास, जिले के एसडीएम, ब्लाक के वीडियो, एडीएम सहित खुद सफाई कर्मचारियों के अधिकारी डीपीआरओ ने भी सेवादारी के लिए तैनात कर रखा है। भारत समाचार के हाथ लगी जिले के 125 सफाई कर्मचारियो को अधिकारियों ने अपने आवास कार्यालय पर तैनात कर रखा है। वही सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी जिला पंचायत राज्य अधिकारी के आधीन होती, इस मामले को दिखवाया जाएगा क्योंकि जिस सफाई कर्मचारी की ड्यूटी जंहा है वही लगी हुई चाहिए जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा।
इस मामले में जिला पंचायत राज्य की अधिकारी की किस स्तर पर लापरवाही हुई है यह देखा जाएगा । बैसे 125 सफाई कर्मचारियों की तैनाती गांव में होनी चाहिए थी जिससे सफाई व्यवस्था बेहतर हो सके लेकिन अधिकारियों ने अपने सेवा के लिए इन्हें गांव की बजह अपने घरों और ऑफिस में तैनात कर रखा है, 125 सफाई कर्मचारियों का महीने का बेतन लगभग 40 लाख रुपये खर्च होता है और एक साल में लगभग 4 करोड़ रुपये सरकार के खर्च करवाकर यह अधिकारी अपनी सेविका में लगे हुए है और स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखा रहे है। First Updated : Thursday, 08 September 2022