रातों-रात छावनी में बदला संभल जामा मस्जिद, श्री हरिहर का मंदिर होने का दावा कर रहा हिंदू पक्ष
UP: संभल में शाही जामा मस्जिद पर आए कोर्ट के आदेश बाद मंगलवार देर शाम सर्वे टीम पहुंची. सर्वे टीम के साथ संभल के डीएम, एसपी, सांसद और मस्जिद के मुतवल्ली भी मौजूद थे. इस दौरान पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. मस्जिद के आसपास किसी को भी भटकने नहीं दिया गया.
UP: संभल में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मंगलवार को शाही जामा मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद देर शाम एक सर्वे टीम मस्जिद पहुंची. इस टीम में एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव, डीएम राजेंद्र पेसिया, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई, सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन और अन्य लोग शामिल थे. मस्जिद के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात था, और किसी को भी आसपास जाने की अनुमति नहीं दी गई.
यह आदेश कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि की याचिका पर दिया गया. महंत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में दावा किया कि शाही जामा मस्जिद असल में श्री हरिहर मंदिर है, और यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होगा.
शाही जामा मस्जिद को श्री हरिहर मंदिर बताए जाने की याचिका:
यह पहली बार था जब शाही जामा मस्जिद को श्री हरिहर मंदिर कहने के लिए याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया. कोर्ट का कहना था कि सर्वे से न्याय करना आसान होगा. इस आदेश के बाद वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अब सर्वे के लिए रिपोर्ट वीडियो और फोटो के साथ पेश की जाएगी.
सर्वे टीम का गठन:
सिविल जज आदित्य सिंह ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे कोर्ट का आदेश आया और ढाई घंटे के भीतर ही सर्वे टीम मस्जिद पहुंच गई. टीम ने करीब दो घंटे तक मस्जिद का सर्वे किया. इस दौरान डीएम राजेंद्र पेसिया, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और वकील विष्णु शंकर जैन भी टीम के साथ थे.
महंत को मस्जिद में एंट्री नहीं मिली:
मस्जिद के सर्वे में पांच सदस्यीय कमेटी भी शामिल थी, जिसे जिला प्रशासन ने नियुक्त किया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से अदालत में कोई नहीं था. याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरि को मस्जिद में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली, और वे बाहर ही खड़े रहे. मस्जिद के पास पुलिस के दो सर्किल तैनात थे.
सांसद का बयान:
शाही जामा मस्जिद के पास जब सर्वे करने की खबर आई, तो मुस्लिम समुदाय के लोग वहां जमा हो गए. इस पर संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें कम से कम सात दिन का नोटिस मिलना चाहिए था. सर्वे के आदेश के बाद कुछ ही घंटे में टीम मस्जिद पहुंच गई.
मस्जिद के मुतवल्ली का बयान:
शाही जामा मस्जिद के मुतवल्ली, एडवोकेट जफर ने कहा कि हमने सर्वे टीम का पूरा सहयोग किया. सर्वे दो घंटे तक चला और हमें उम्मीद है कि मस्जिद हमारी है. वहीं, डीएम राजेंद्र पेसिया ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था.