Sanjay Raut Convicted In Defamation Case: शिवसेना ठाकरे गुट के नेता संजय राउत को मानहानि मामले में दोषी ठहराया गया है. डॉ. मेधा किरीट सोमैया द्वारा दायर शिकायत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट 25वीं कोर्ट, मझगांव ने उनको दोषी ठहराया है. संजय राउत को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी ठहराते हुए अदालत ने उनको 15 दिन की कैद के साथ मुआवजे के तौर पर 25000/- जुर्माना वसूली का भी आदेश दिया है.
इस संबंध में डॉ. मेधा किरीट सोमैया के वकील विवेकानंद गुप्ता ने जानकारी दी है. इस बीच उन्हें कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत को गुरुवार को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत को भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पत्नी डॉ. मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई. अदालत ने राउत को 15 दिन के साधारण कारावास की सजा दी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जो मेधा सोमैया को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा. हालांकि, राउत जेल जाएंगे या इस फैसले के खिलाफ कही अपील करेंगे ये अभी साफ नहीं हो पाया है.
राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मानहानि का दोषी ठहराया गया है. मेधा सोमैया, जो मुंबई के रुइया कॉलेज में ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं, ने राउत पर गलत आरोप लगाने का दावा किया. राउत ने उन पर और उनके एनजीओ 'युवा प्रतिष्ठान' पर 100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले का आरोप लगाया था, जिसके चलते यह मामला अदालत तक पहुंचा.
मेधा सोमैया द्वारा दायर शिकायत में कहा गया कि 15 अप्रैल 2022 को संजय राउत ने मीडिया में उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण बयान दिए थे. इन बयानों को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रसारित किया गया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा. इन बयानों के वायरल होने से सोशल मीडिया पर भी इसे लाखों लोगों ने देखा और पढ़ा.
भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत को गुरुवार को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी. न्यायिक मजिस्ट्रेट (फर्स्ट कैटेगिरी) आरती कुलकर्णी ने राउत को 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई.
अदालत ने राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दोषी पाया , जो मानहानि के लिए सजा से संबंधित है. जेल की सज़ा के अलावा, राज्यसभा सदस्य पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. हालांकि, राउत को सजा में 30 दिन की छूट दी गई, जिससे वह अपील दायर कर सकें. उनके वकील ने सजा में स्थगन और जमानत दोनों के लिए आवेदन दायर किया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया.