अडानी मुद्दे पर संजय सिंह ने राज्यसभा में चर्चा के लिए दिया निलंबन नोटिस
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में अडानी समूह के खिलाफ नियम 267 के तहत हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा की मांग करते हुए निलंबन का व्यावसायिक नोटिस पेश किया। नोटिस में कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किए गए पैसे खो दिए। जबकि पिछले सप्ताह बुधवार को सिंह ने नियम 267 के तहत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी। हालांकि, आप सदस्यों के बहिर्गमन के बाद अध्यक्ष ने नोटिस को खारिज कर दिया।
रिपोर्ट। मुस्कान
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में अडानी समूह के खिलाफ नियम 267 के तहत हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा की मांग करते हुए निलंबन का व्यावसायिक नोटिस पेश किया। नोटिस में कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किए गए पैसे खो दिए। जबकि पिछले सप्ताह बुधवार को सिंह ने नियम 267 के तहत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी। हालांकि, आप सदस्यों के बहिर्गमन के बाद अध्यक्ष ने नोटिस को खारिज कर दिया।
गुरुवार को भी पिछले हफ्ते संजय सिंह ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा की मांग करते हुए गुरुवार को राज्यसभा में व्यावसायिक नोटिस का निलंबन पेश किया। यूएस-आधारित लघु-विक्रेता फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की संबंधित रिपोर्ट 24 जनवरी को सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि अडानी समूह के पास कमजोर व्यापारिक बुनियादी सिद्धांत थे और वह स्टॉक हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी में शामिल था।
अडानी समूह के एक बयान के अनुसार, अडानी पोर्टफोलियो और अडानी वर्टिकल भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था और राष्ट्र-निर्माण में लाने पर केंद्रित हैं। अडानी समूह की लंबी प्रतिक्रिया के सारांश में, इसने कहा कि रिपोर्ट "झूठ के अलावा कुछ नहीं" थी। हालाँकि, रिपोर्ट ने अडानी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों की बिक्री बंद कर दी।
बता दें कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2023-24 पेश किया। अडानी मुद्दे पर जारी गतिरोध के कारण बजट पेश किए जाने के बाद से संसद में कोई कामकाज नहीं हुआ है। विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि सरकार अडानी के शेयरों पर संसद में जवाब दे, जिससे दोनों सदनों में व्यवधान और कई बार स्थगन हुआ।