गर्ल्स टॉयलेट में प्राइवेसी का उल्लंघन, सीक्रेट कैमरा लगाने वाला गिरफ्तार
UP Crime: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से एक हैरान कर देना वाला मामला सामने आ रहा है, जहां एक स्कूल के टॉयलेट के पास एक छात्र ने एक सीक्रेट कैमरा लगा दिया था. जिससे वो वहां जाने-आने वाली छात्राओं के फोटो लेता था. इसका खुलासा तब हुआ जब शनिवीर सुबह कुछ छात्राएं टॉयलेट गईं और तब उनकी नजर उस कैमरे पर पड़ी.
UP Crime: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ब्रह्मा देव चौधरी इंटर कॉलेज से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. स्कूल की दीवार पर टॉयलेट के पास एक सीक्रेट कैमरा पाया गया, जिसे लगाने वाला आरोपी खुद स्कूल का पूर्व छात्र था. घटना के बाद नाराज छात्राओं ने आरोपी को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी और मामले की सूचना प्रिंसिपल और पुलिस को दी.
इस घटना ने अभिभावकों को भी झकझोर दिया है, जिन्होंने स्कूल प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि स्कूलों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
कैसे हुआ खुलासा?
शनिवार की सुबह जब स्कूल खुला, तो कुछ छात्राएं टॉयलेट की ओर गईं. वहां उन्होंने पास की दीवार में एक छोटा सा कैमरा देखा. घबराई हुई छात्राओं ने तुरंत इसकी जानकारी प्रिंसिपल को दी. यह खबर पूरे स्कूल में फैल गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.
छात्र ने दीवार पर लगाया था कैमरा
जांच में पता चला कि जिस घर की दीवार पर कैमरा लगा था, वह अमित कुमार मौर्य नाम के लड़के का था, जो इसी स्कूल का पूर्व छात्र है. कैमरा उसके मोबाइल से जुड़ा हुआ था, जिससे वह टॉयलेट जाने वाली छात्राओं की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड करता था. आरोपी ने इस बात को कबूल भी किया.
नाराज छात्राओं ने की पिटाई
कैमरा मिलने के बाद छात्राओं ने आरोपी अमित कुमार मौर्य को वहीं से पकड़कर स्कूल कैंपस में लाया और उसकी पिटाई कर दी. बाद में स्कूल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को बुलाया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में किया.
अभिभावकों की नाराजगी
घटना के बाद अभिभावकों में गहरी नाराजगी देखी गई. उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन छात्रों से मोटी फीस वसूलता है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए बुनियादी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. उन्होंने दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे.