जुमे की नमाज से पहले संभल में बढ़ाई गई सुरक्षा, अदालत में आज पेश होगी सर्वे की रिपोर्ट

संभल में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है. धार्मिक नेताओं और प्रशासन की अपील है कि लोग संयम बरतें और शांति बनाए रखें. अदालत का फैसला आने तक माहौल को शांत रखना सभी पक्षों की जिम्मेदारी है. आज जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी जिसको लेकर भी प्रशासन अलर्ट है.

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जामा मस्जिद सर्वे के बाद हुई हिंसा के बाद आज पहली बार संभल में जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी. इलाके में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे जामा मस्जिद में न आकर अपने-अपने इलाकों की मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें.

जुमे की नमाज को देखते हुए संभल में चारों तरफ फोर्स तैनात की गई है. पुलिस और प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए पीस कमेटियों के साथ बैठकें की हैं. बाहरी ताकतों के प्रवेश को रोकने के लिए 16 बाहरी कंपनियां भी तैनात की गई हैं. अदालत के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि आज जामा मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट पेश की जानी है.  

हिंसा के बाद गिरफ्तारी और हालात

पिछले रविवार को मस्जिद सर्वे के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शन में हिंसा भड़क गई थी. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पत्थरबाजी की. इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी और 25 से अधिक लोग घायल हुए थे. पुलिस ने अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं. हिंसा के बाद कई लोग अपने घरों में ताले लगाकर गायब हो गए हैं.

मुस्लिम और हिंदू पक्ष की तैयारी

मस्जिद विवाद को लेकर अदालत में सुनवाई जारी है. हिंदू पक्ष के वकील श्रीगोपाल शर्मा ने कहा कि वे मुस्लिम पक्ष के जवाब के बाद अपनी अगली रणनीति तय करेंगे. वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने कहा कि उनके पास अपने पक्ष को साबित करने के पूरे सबूत हैं, जिन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.

धार्मिक नेताओं और प्रशासन की अपील

शाही जामा मस्जिद के इमाम आफताब हुसैन वारसी ने उम्मीद जताई कि जल्द ही संभल में अमन और शांति लौटेगी. शहर काजी कारी मोहम्मद अलाउद्दीन अजमली ने लोगों से अपील की कि वे अपने मोहल्ले की मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें और शांति बनाए रखें.

क्या है विवाद?

अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था. इस दौरान याचिका में दावा किया गया है कि जामा मस्जिद जिस जगह स्थित है, वहां पहले एक हरिहर मंदिर था. पिछले रविवार को जब मस्जिद का दोबारा सर्वे किया गया, तब हिंसा भड़क उठी. हिंसा की जांच के लिए पुलिस ने 30 टीमें बनाई हैं और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है. दंगाइयों की 100 से ज्यादा तस्वीरें भी जारी की गई हैं. पुलिस ने फैजान, मोहम्मद अली और रेहान को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 300 देसी बंदूकें और गोलियां बरामद की हैं.   First Updated : Friday, 29 November 2024