इस पत्रकार के पूरे परिवार की हत्या से सूरजपुर में सनसनी, कुल्हाड़ी से की गई बेरहमी से हत्या

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में पत्रकार संतोष के पूरे परिवार की बेरहमी से हत्या कर दी गई. यह घटना सूरजपुर जिले के जगन्नाथपुर के खरगवा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को घटित हुई. यह पूरा मामला जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ है.

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छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में एक और पत्रकार की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें संपत्ति विवाद के चलते पूरे परिवार की निर्मम हत्या कर दी गई. यह घटना सूरजपुर जिले के जगन्नाथपुर के खरगवा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को घटित हुई, जब आज तक के जिला रिपोर्टर संतोष कुमार टोपो के परिवार के तीन सदस्य उनके माता-पिता और भाई की हत्या कर दी गई. इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी. 

दोपहर 1 बजे की घटना

पुलिस के मुताबिक, घटना दोपहर करीब 1 बजे हुई. संतोष के माता-पिता खेत में काम कर रहे थे. घटना के पीछे एक लंबे समय से चल रहा संपत्ति विवाद था, जो संतोष के परिवार और उनके रिश्तेदारों के बीच था. शुक्रवार को इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया और झगड़ा खूनी संघर्ष में बदल गया. संतोष के चाचा ने धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे संतोष के माता-पिता और भाई की मौके पर ही मौत हो गई. हमलावरों ने कुल्हाड़ी का इस्तेमाल करते हुए बेरहमी से उनकी हत्या कर दी.

खबर मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. इस घटना में संतोष के चाचा और अन्य संदिग्ध रिश्तेदारों को आरोपी माना जा रहा है.

 

रिश्तेदारों ने जताई आपत्ति 

विवाद की शुरुआत उस जमीन को लेकर हुई थी, जिस पर संतोष के परिवार और उनके रिश्तेदारों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. शुक्रवार को जब संतोष का परिवार विवादित जमीन पर खेती करने गया तो रिश्तेदारों ने आपत्ति जताई. स्थिति बिगड़ गई और हमलावरों ने कुल्हाड़ी और लाठी से हमला कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप संतोष के माता-पिता और भाई की मौत हो गई, जबकि माघे टोपो गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई. 

पुलिस के अनुसार, यह विवाद कई महीनों से चल रहा था. आरोपियों ने कोर्ट के फैसले को भी नहीं माना. दरअसल, यह विवाद पहले एसडीएम कोर्ट प्रतापपुर में था, जहां कोर्ट ने मृतक परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद ही परिवार ने विवादित जमीन पर खेती करना शुरू किया, जिससे हमलावरों ने नाराज होकर हमला कर दिया।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की भी हुई थी हत्या

इस हत्या से पहले 3 जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की भी बेरहमी से हत्या की गई थी. मुकेश चंद्राकर ने एक सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. उनका शव बीजापुर के एक ठेकेदार के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था.  First Updated : Friday, 10 January 2025