शंभू बॉर्डर खुला, अब खनौरी बॉर्डर खोलने की तैयारी...1300 किसान हिरासत में, पुलिस-प्रदर्शनकारियों में तकरार जारी!

पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन एक नए मोड़ पर आ गया है. शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाने के बाद रास्ता खोल दिया गया लेकिन इस कार्रवाई के विरोध में 1300 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया गया है. अब सवाल ये है—क्या खनौरी बॉर्डर भी खुलेगा या विरोध और तेज होगा? जानिए इस आंदोलन का पूरा हाल!

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Edited By: Aprajita

Punjab: हरियाणा-पंजाब सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर आखिरकार 13 महीने बाद खोल दिया गया है. पुलिस और प्रशासन ने किसानों को हटाने के बाद देर शाम सात बजे दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी. लेकिन इस कार्रवाई के विरोध में राज्यभर में किसानों ने प्रदर्शन किया, जिससे कई जिलों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. पुलिस ने अब तक 1300 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया है.

पंजाब में उबाल पुलिस से भिड़े किसान

किसानों की गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई के विरोध में गुरुवार को पंजाब के कई जिलों में प्रदर्शन हुए. सबसे ज्यादा गिरफ्तारी फरीदकोट (500) और संगरूर (300) में हुई. कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं. किसानों का आरोप है कि उन्हें जबरन हटाया जा रहा है और उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. गुरदासपुर और तरनतारन में किसानों ने डीसी ऑफिस के बाहर पक्का मोर्चा लगा दिया है.

हरियाणा-पंजाब में पुलिस की मुस्तैदी

पुलिस ने शंभू बॉर्डर से किसानों के बनाए पक्के मोर्चे हटाने में पूरा दिन लगा दिया. वहीं, हरियाणा पुलिस ने भी अपनी सीमा में बने सीमेंट बैरिकेड्स हटाने का काम जारी रखा. दोपहर तक पुलिस ने सड़क को पूरी तरह साफ कर दिया और शाम 4:36 बजे राजपुरा-अंबाला लेन पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी. शाम सात बजे अंबाला-राजपुरा लेन पर भी ट्रैफिक बहाल हो गया.

खनौरी बॉर्डर पर अटका मामला

शंभू बॉर्डर खुलने के बाद अब खनौरी बॉर्डर पर पुलिस की नजर है. हालांकि, यहां स्थिति थोड़ी पेचीदा है क्योंकि किसानों की बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां अब भी धरना स्थल पर खड़ी हैं. साथ ही, पक्के मोर्चे हटाने में भी समय लग रहा है. प्रशासन का अनुमान है कि शुक्रवार तक यह मार्ग भी हरियाणा के लिए खोल दिया जाएगा.

राज्यभर में विरोध प्रदर्शन तेज

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ पंजाब में जगह-जगह किसानों ने प्रदर्शन किया. मोगा में किसानों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन वे डीसी ऑफिस पहुंचकर धरना देने लगे. गुरदासपुर में भी डीसी ऑफिस के सामने धरना दिया गया, जहां शाम होते ही किसानों का एक और जत्था पहुंच गया.

तरनतारन में किसानों ने पहले उस्मां टोल प्लाजा पर धरना देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद किसानों ने डीसी ऑफिस के सामने मोर्चा संभाल लिया. जालंधर कैंट में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसी तरह, बठिंडा, फरीदकोट, संगरूर, बरनाला, फिरोजपुर, मुक्तसर, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब में भी किसान सड़कों पर उतरे.

क्या आगे भी जारी रहेगा आंदोलन?

फिलहाल शंभू बॉर्डर खुलने से प्रशासन को राहत मिली है, लेकिन किसानों का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है. खनौरी बॉर्डर को खोलने की कवायद जारी है, लेकिन किसानों की नाराजगी को देखते हुए स्थिति अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकी है. पंजाब में किसानों का गुस्सा अभी भी चरम पर है, और आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है.

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20 March 2025, 11:50 PM IST

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