शामली: रालोद के थाना भवन से विधायक अशरफ अली के जलालाबाद किले को लेकर खड़ा हुआ विवाद
उत्तर प्रदेश के शामली में रालोद के विधायक अशरफ अली के किले पर विवाद हो गया है। शामली के तहसील दिवस समाधान दिवस पर मनहर खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति के दर्जनों लोग पहुंचे और उन्होंने किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर इसे संरक्षित करने की मांग की है उन्होंने आरोप लगाया कि इस किले पर मुगल काल से ही अफगानी परिवार का कब्जा है।
शामली। उत्तर प्रदेश के शामली में रालोद के विधायक अशरफ अली के किले पर विवाद हो गया है। शामली के तहसील दिवस समाधान दिवस पर मनहर खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति के दर्जनों लोग पहुंचे और उन्होंने किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर इसे संरक्षित करने की मांग की है उन्होंने आरोप लगाया कि इस किले पर मुगल काल से ही अफगानी परिवार का कब्जा है।
दरअसल शनिवार को मनहार खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति के दर्जनों लोग शामली कलेक्ट्रेट पहुंचे कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां पर उन्होंने समिति अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि वर्तमान में शामली के जलालाबाद में एक किला है, लेकिन यह सूर्यवंशी धरोहर मनोहर गढ़ से संबंधित है, दावा किया गया कि औरंगजेब के सेनापति जलाल खान द्वारा क्षत्रियों को दावत में विश्व दिलवा कर किले पर कब्जा किया गया था।
कलेक्ट्रेट पहुंचे समिति के सचिव भानु प्रताप सिंह ने अधिकारियों से कहा कि यह किला बेहद प्राचीन है और यहां पर हिंदू राजाओं ने काफी लंबे समय तक शासन किया लेकिन धोखे से किले पर कब्जा कर मनहार गढ़ का नाम जलालाबाद कर दिया गया... अधिकारियों से मांग की गई की कस्बे के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए प्राचीन किले और उससे संबंधित ऐतिहासिक स्मारकों वह किले की जमीन का अधिग्रहण करके पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित एवं अनुरक्षण किए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही जलालाबाद कस्बे का वास्तविक नाम मनहार खेड़ा करने की मांग भी अधिकारियों से की गई। इस किले पर रालोद के स्थानीय विधायक असरफ अली व उसके परिवार का कब्जा है।