शिंदे गुट के नेता ने अजित गुट के मंत्रियों पर की टिप्पणी, क्या महायुति गठबंधन में नहीं है सबकुछ ठीक

महाराष्ट्र में महायुति के भीतर लड़कियों की योजना को लेकर एक नई कलह उभर आई है. शिंदे और अजीत पाटिल गुटों के बीच इस योजना पर तीखी बहस छिड़ गयी है. शिंदे गुट का आरोप है कि योजना ठीक से लागू नहीं हो रही, जबकि अजीत पाटिल गुट इसे राजनीति की चाल बता रहा है. इस विवाद ने महायुति के अंदर एक नई उथल-पुथल पैदा कर दी है. अब सवाल यह है कि इस विवाद का अंत क्या होगा और योजना का भविष्य किस दिशा में जाएगा.

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Maharastra Politics: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के भीतर एक नई कलह ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस बार विवाद का केंद्र बनी है 'लड़कियों की योजना' जिसे लेकर शिंदे और अजीत पाटिल गुटों के बीच तनातनी देखने को मिल रही है. इस योजना को लेकर दोनों गुटों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई उथल-पुथल का माहौल बन गया है.

आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के एक नेता ने हाल ही में इस योजना की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि योजना के क्रियान्वयन में कुछ गड़बड़ियां हो रही हैं. शिंदे गुट का दावा है कि योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है और इसके लाभार्थियों तक सही समय पर मदद नहीं पहुंच रही है. इसके जवाब में अजीत पाटिल गुट ने शिंदे गुट पर आरोप लगाया कि वे राजनीति की खींचतान के चलते इस योजना की सफलता में बाधा डाल रहे हैं.

योजना के उद्देश्य पर उठे सवाल

इसके अलावा दोनों गुटों के बीच इस मुद्दे पर तीखी टिप्पणियाँ भी सामने आई हैं. अजीत पाटिल के मंत्री ने इस विवाद को सुलझाने के लिए शिंदे गुट के नेताओं को इसका जवाबदेही ठहराया है. जबकि शिंदे गुट ने इसे राजनीति का एक नया तरीका बताया है. इस पूरी स्थिति ने 'लड़कियों की योजना' को लेकर एक गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या यह योजना राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे पाएगी या इसकी सफलता पर राजनीति की छाया पड़ जाएगी. 

इस विवाद ने महायुति के भीतर एक नई गहराई और विविधता को उजागर किया है, जिसमें योजना के प्रति विभिन्न दृष्टिकोण और विचारधारा के झगड़े सामने आ रहे हैं. अब यह देखना होगा कि इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे और क्या इस योजना का उद्देश्य सफल हो पाएगा या नहीं. 

First Updated : Saturday, 31 August 2024