शिवसेना का आरोप: मोदी सरकार की नाकामी से बांद्रा स्टेशन पर भगदड़!
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ में नौ लोग घायल हो गए, जिससे राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस घटना का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 25 से ज्यादा रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. क्या सरकार अब यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होगी? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
Shiv Sena Allegation: मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ ने सबको हैरान कर दिया है. इस घटना में नौ लोग घायल हो गए और अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बीजेपी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में है लेकिन इस दौरान देश में 25 से ज्यादा रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 100 से अधिक लोगों की जान गई है.
भगदड़ की घटना का ब्योरा
रविवार सुबह, 22921 बांद्रा-गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन पर चढ़ने के दौरान भारी भीड़ के कारण धक्का-मुक्की हुई, जिससे भगदड़ मच गई. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, घायल हुए यात्रियों को भाभा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ऐसे समय में जब लोग त्योहारों की तैयारी कर रहे हैं, रेलवे स्टेशनों पर भीड़ और बढ़ जाती है, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं.
शिवसेना ने बीजेपी को घेरा
संजय राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी केवल बुलेट ट्रेन और हाई-स्पीड ट्रेनों के बारे में बात कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत पूरी तरह अलग है. उन्होंने यह भी कहा कि रेल मंत्री को इस स्थिति का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी रेल मंत्री पर निशाना साधते हुए उन्हें 'रील मंत्री' कहा और उनकी नाकामी पर सवाल उठाए.
विपक्ष का तीखा हमला
विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर लगातार हमले किए हैं. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि महाराष्ट्र में 'जंगलराज' का शासन है. उन्होंने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद अगर यात्रियों के साथ ऐसी घटनाएं होती हैं, तो रेलवे पर कौन भरोसा करेगा? इस तरह के बयानों से यह साफ है कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है.
भविष्य के लिए क्या सबक
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है. आने वाले त्योहारों के कारण यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिससे रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ हो रही है. ऐसे में यह जरूरी है कि रेलवे प्रशासन भीड़ प्रबंधन के उपायों को गंभीरता से ले. क्या इस घटना के बाद सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी? या फिर ऐसे हादसे भविष्य में भी होते रहेंगे?
अभी तो सिर्फ समय ही बताएगा कि इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन और सरकार क्या कार्रवाई करती है. इस घटना ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाया है, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर भी चिंता जाहिर की है. सभी की नजरें अब इस बात पर हैं कि क्या रेलवे प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर सुरक्षा को प्राथमिकता देगा.