नोएडा में खुला पोर्न रैकेट... इस कोठी में चल रहा था लड़कियों का गंदा धंधा, नंगेपन के इस धंधे ने हिलाकर रख दी पूरी सोसाइटी!
नोएडा के एक पॉश इलाके में छुपे पोर्न वीडियो के बड़े धंधे का खुलासा हुआ है. एक आलीशान कोठी में पिछले पांच सालों से इस गंदे कारोबार का धंधा चल रहा था. यहां विदेशी एडल्ट वेबसाइट्स के लिए अश्लील वीडियो बनाए जाते थे. स्थानीय लोग तो बस समझते थे कि वीडियो शूटिंग होती है लेकिन असल सच्चाई कुछ और ही थी. जानिए कैसे यहां मासूम लड़कियों को फंसाया जाता था और कितनी बड़ी रकम इस गंदे धंधे से कमाई जा रही थी. क्या आप भी जानना चाहते हैं कि इस कोठी के अंदर क्या हो रहा था? तो पूरी कहानी पढ़िए!

UP News: क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि नोएडा के एक पॉश इलाके में पिछले 5 सालों से एक गंदे धंधे का राज़ छुपा था, जो अब खुलकर सामने आया है? यह कहानी है नोएडा के सेक्टर 105 की एक कोठी की जहां पर एक अश्लील वीडियो बनाने का नेटवर्क चल रहा था. यह सच सुनकर आपके भी होश उड़ सकते हैं क्योंकि यह कोठी पहले किसी को खामोशी से दिखती थी, लेकिन इसके अंदर के राज़ अब एकदम चौंकाने वाले हैं.
कैसे हुआ खुलासा?
यह कोठी दिल्ली के एक डॉक्टर की थी और यहां पर उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव ने इसे किराए पर लिया था. इन्होंने इस कोठी में एक लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग स्टूडियो बना लिया था. यहां अश्लील वीडियो शूट करके विदेश भेजे जाते थे. ये लोग पूरी दुनिया से पैसे कमाते थे लेकिन यह सब कैसे चलता था यह आसपास के लोगों को पता नहीं था. स्थानीय लोगों का कहना था कि गेट तभी खुलता था, जब लड़कियां आती थीं और कैमरा समेत लोग अंदर जाते थे. कुछ लोग समझते थे कि यह बस सामान्य वीडियो शूटिंग होती है लेकिन सच्चाई सामने आई तो सबके होश उड़ गए.
क्या था इस धंधे का तरीका?
किशोर और नीलू ने एक कंपनी बनाई थी, जिसका नाम था 'सबडिजी' और इसके जरिए वे विदेशी एडल्ट वेबसाइट्स को अश्लील वीडियो सप्लाई करते थे. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच के दौरान सामने आया कि इन दोनों के खातों में 15.66 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग आई थी और इसके अलावा विदेशों से भी लाखों रुपये मिले थे.
लड़कियों को कैसे फंसाते थे?
मॉडलिंग और एक्टिंग का सपना देखने वाली लड़कियों को यहां बुलाया जाता था. उन्हें लाखों रुपये कमाने का लालच दिया जाता था और फिर उन्हें इस गंदे धंधे में घसीट लिया जाता था. अश्लील वीडियो से होने वाली कमाई का 25% हिस्सा लड़कियों को दिया जाता था और बाकी का मुनाफा किशोर और नीलू का होता था. भारत में पॉर्न का खतरा भारत में पॉर्न कंटेंट पर सख्त पाबंदी है, लेकिन इसके बावजूद यह धंधा लगातार चल रहा है. सरकार ने पहले ही कई वेबसाइट्स को बंद कर दिया था, लेकिन अब भी यह वीडियो दूसरे माध्यमों के जरिए फैलते रहते हैं.
क्या कार्रवाई की जा रही है?
ईडी ने छापेमारी की और इस धंधे को पूरी तरह से उजागर किया. अब उम्मीद है कि ऐसे गंदे धंधों पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकेगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी.
यह घटना केवल एक गंदे धंधे के बारे में नहीं है बल्कि यह समाज की उस काली सच्चाई को उजागर करती है, जो हमारे आस-पास पनप रही है. क्या ऐसे धंधों को पूरी तरह से रोका जा सकता है? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है, लेकिन एक चीज़ तो तय है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर सख्त कार्रवाई की जरूरत है.