तंत्र विद्या की खौफनाक घटना! पीलीभीत में चिता से गायब हुई खोपड़ी

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से एक खौफनाक घटना सामने आई है. एक महिला के अंतिम संस्कार के बाद, जब परिवार अस्थियां लेने गया तो चिता पर से खोपड़ी गायब मिली. आस-पास मिठाई और पूजा सामग्री पड़ी थी जो तंत्र विद्या के उपयोग का संकेत देती है. आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने रात के अंधेरे में तंत्र विद्या के लिए चिता के पास पूजा की और खोपड़ी चुरा ली. पुलिस ने मामले को सुलझाया लेकिन इस अंधविश्वास की रहस्यमय कहानी ने सबको चौंका दिया है.

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Pilibhit: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक अजीबो-गरीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. एक महिला के अंतिम संस्कार के बाद उसके परिवार ने देखा कि चिता पर से खोपड़ी गायब है. इस मामले में मिठाई, पूजा सामग्री और चिता पर पकाए गए चावल ने सबको हैरान कर दिया है. आइए जानते हैं पूरी कहानी, जो तंत्र विद्या और अंधविश्वास से जुड़ी हुई है.

दरअसल ये घटना है पीलीभीत के बरखेड़ा क्षेत्र के परेवा अनूप गांव की जहां चंद्रकली नाम की महिला की मौत के बाद उसके पति राम भरोसे लाल ने अंतिम संस्कार किया. आरोप है कि गांव के कुछ लोग, जिनमें खेम करन और बड़े लला शामिल हैं वो रात के अंधेरे में चिता के पास पहुंच गए. उन्होंने चिता के पास तंत्र विद्या के लिए मिठाई और अन्य सामग्री रखी और चिता के ऊपर चावल पकाए. यह सब कुछ सिद्धि और तंत्र विद्या के लिए किया गया था.

गायब हुई खोपड़ी और पूजा सामग्री का रहस्य

अगले दिन जब परिवार ने अस्थियां लेने के लिए चिता की ओर देखा, तो खोपड़ी गायब थी. चिता के पास मिठाई और पूजा की कुछ सामग्री पड़ी हुई थी. परिवार ने गांव वालों पर शक जताया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

आरोपी ने किया खुलासा

पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और आरोपियों से पूछताछ की. आरोपी रामदीन के भाई ने बताया कि वे शारीरिक कष्ट से छुटकारा पाने के लिए तंत्र विद्या का सहारा ले रहे थे. तांत्रिक के कहने पर रात के अंधेरे में चिता के पास पूजा की गई और खोपड़ी गायब कर दी गई.

अंधविश्वास की तस्वीर साफ

सीओ बीसलपुर ने मामले पर अनभिज्ञता जताई लेकिन दबाव के बाद बरखेड़ा एसओ ने दोनों पक्षों का आपस में समझौता करा दिया. इस घटने से एक बात तो साफ है कि हमारे समाज में आज भी अंधविश्वास और तंत्र विद्या का काफी बोलबाला है, जो कभी-कभी खौफनाक घटनाओं का कारण बनता है. इस मामले ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अंधविश्वास के नाम पर कितनी अजीबो-गरीब घटनाएं हो सकती हैं.  First Updated : Tuesday, 17 September 2024