केसीआर ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि- केंद्र ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को रोका
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने आरोप लगाया कि केंद्र ने वैक्सीन निर्माता फाइजर को भारत में आने की इजाजत नहीं दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि जहां जनता सबसे अच्छी वैक्सीन लेना चाहती थी। वहीं लोग उसे खरीदना भी चाहते थे
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने आरोप लगाया कि केंद्र ने वैक्सीन निर्माता फाइजर को भारत में आने की इजाजत नहीं दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि जहां जनता सबसे अच्छी वैक्सीन लेना चाहती थी। वहीं लोग उसे खरीदना भी चाहते थे। फिर जो कंपनी को जबरदस्ती बंद कर दिया गया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फाइजर नाम की एक कंपनी है, जो वैक्सीन बनाती है, उसे कोविड-19 के दौरान भारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। कंपनी ने कितनी भी कोशिश कर ली लेकिन उन्होंने (सरकार) उन्हें यहां आने नहीं दिया। क्या कारण था? केसीआर ने आगे कहा कि जहां जनता सबसे अच्छी वैक्सीन लेना चाहती थी वहीं लोग इसे खरीदना भी चाहते थे, फिर भी कंपनी को जबरदस्ती बंद कर दिया गया। हमने भी कोशिश की, कई मुख्यमंत्रियों ने भी पीएमओ और नीति आयोग से बातचीत की लेकिन उन्होंने (सरकार) उन्हें (फाइजर) नहीं आने दिया।
While the public wanted to get the best vaccine, people also wanted to buy it, yet the company was stopped forcefully. We also tried, many Chief Ministers also had talks with PMO and Niti Aayog but they (Govt) didn't allow them (Pfizer) to come: Telangana CM & BRS chief KCR (5.2) pic.twitter.com/ns5EQ9YDpy
— ANI (@ANI) February 8, 2023
तेलंगाना के मुख्यमंत्री का बयान ऐसे समय में आय़ा है जब वैक्सीन और फाइजर के सीईओ को लेकर- कई तरह-तरह के विवाद चल रहे है। हालांकि फाइजर के टीकों को इजाजत देने से भारत के इनकार के कई अन्य भी कारण है। जब फाइजर ने 2020 में मंजरी के लिए आवेदन किया तो भारतीय नियामतों ने कथित तौर पर उन्हें एक स्थानीय सुरक्षा अध्ययन करने के लिए कहा जो दुनिया भर में आम है। हालांकि फाइजर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि वैक्सीन निर्माता ने चोट के खिलाफ कानूनी प्रतिरक्षा का भी अनुरोध किया। जिसके लिए भारत ने अनुमति देने से मना कर दिया।