यूपी उपचुनाव: सपा और कांग्रेस ने मिलकर किया चुनावी ऐलान

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. अखिलेश यादव ने कहा है कि सभी 9 सीटों पर उनके संयुक्त प्रत्याशी सपा के साइकिल चिन्ह पर चुनावी मैदान में उतरेंगे. उनका फोकस सिर्फ जीत पर है, न कि सीटों की संख्या पर. जानें इस नई रणनीति के पीछे की पूरी कहानी और क्या यह गठबंधन सच में नया इतिहास लिख पाएगा!

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SP Congress Partnership: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी. उनका कहना है कि इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर सपा के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर चुनावी मैदान में उतरेंगे.

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'बात सीट की नहीं, जीत की है.' उन्होंने इस चुनावी रणनीति को लेकर स्पष्ट किया कि सपा और कांग्रेस एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे. उनका मानना है कि इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में एक नई जीत का अध्याय लिखने जा रहा है.

PDA का मान-सम्मान बचाने का चुनाव

अखिलेश ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी स्तर के कार्यकर्ताओं के सहयोग से सपा की ताकत बढ़ी है. उन्होंने इस चुनाव को संविधान, सौहार्द और PDA के मान-सम्मान को बचाने का चुनाव बताया. उनका संदेश साफ है: 'एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बंटने पाए.' उनका मानना है कि इंडिया गठबंधन की एकता देशहित में महत्वपूर्ण है और यह नया इतिहास लिखेगी.

13 नवंबर को होंगे उपचुनाव

यूपी में उपचुनाव 13 नवंबर को होने जा रहे हैं. इनमें मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, फूलपुर और कटेहरी जैसी प्रमुख सीटें शामिल हैं. चुनाव आयोग ने यूपी की 10 खाली विधानसभा सीटों में से 9 पर उपचुनाव की घोषणा की है, जबकि मिल्कीपुर सीट को छोड़ दिया गया है. बुधवार को 19 उम्मीदवारों ने इन उपचुनाव के लिए नामांकन भी दाखिल किया है.

सपा के प्रत्याशियों का ऐलान

कानपुर की शीशमऊ सीट से सपा के प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने नामांकन किया है, वहीं प्रयागराज की फूलपुर सीट से एसपी मुजतबा सिद्दीकी मैदान में हैं. यह साफ है कि सपा और कांग्रेस का इस बार का फोकस जीत हासिल करने पर है और वे किसी भी हाल में एकजुट रहकर चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.

इस बार का यूपी उपचुनाव सपा और कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे एकजुट होकर अपनी राजनीतिक ताकत को साबित करना चाहेंगे. अखिलेश यादव का ये संदेश उनके गठबंधन की मजबूती और चुनावी रणनीति का परिचायक है. देखना यह है कि क्या यह गठबंधन वास्तव में नया इतिहास लिखने में सफल होता है. First Updated : Thursday, 24 October 2024