सपा सांसद की धमकी: मुसलमानों को कुंभ से भगाया, तो हिंदुओं को दरगाह से रोकेंगे

Ziaur Rahman Barq On Mahakumbh: समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कुंभ मेला में मुसलमानों की भागीदारी पर विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुसलमानों को कुंभ से हटाया गया, तो वे हिंदुओं को दरगाहों में प्रवेश से रोक देंगे. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी धर्मों को समान अधिकार मिलना चाहिए, और किसी समुदाय को निशाना बनाना गलत होगा.

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Ziaur Rahman Barq On Mahakumbh: समाजवादी पार्टी के सांसद ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि यदि मुसलमानों को कुंभ से हटाया गया तो हिंदुओं को दरगाहों में प्रवेश करने से रोका जाएगा. उनका यह बयान धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद के बीच आया है. सांसद ने समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए प्रशासन से भेदभाव रहित कार्रवाई की मांग की. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी धर्मों को समान अधिकार मिलना चाहिए और किसी एक समुदाय को निशाना बनाना अनुचित होगा.

समाजवादी पार्टी (एसपी) के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों को कुंभ से निकाला गया तो उनकी प्रतिक्रिया भी तीखी होगी, और हिन्दुओं को दरगाहों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. बर्क का यह बयान राजनीतिक और धार्मिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.

कुंभ मेले में मुसलमानों की भागीदारी पर बयान

एसपी सांसद बर्क ने कहा कि कुंभ मेले जैसे धार्मिक आयोजनों में मुसलमानों की भागीदारी पर सवाल उठाना गलत है. उन्होंने दावा किया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर धर्म और समुदाय को अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को मानने का अधिकार है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मुसलमानों को कुंभ मेले से भगाने की कोशिश की गई, तो वे भी कड़ा जवाब देंगे.

हिन्दू-मुस्लिम एकता पर चिंता

बर्क ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया कि हिन्दू-मुस्लिम एकता और सद्भाव को बनाए रखना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह देश सभी धर्मों के लोगों का है और किसी एक समुदाय को दूसरे के धार्मिक आयोजन से बाहर रखने की सोच समाज में नफरत और असमानता फैलाएगी. बर्क ने कहा कि अगर मुसलमानों को निशाना बनाकर भेदभाव किया गया, तो इसका असर देश की सांप्रदायिक एकता पर पड़ेगा.

विवादित बयान पर प्रतिक्रियाएं

बर्क के इस बयान पर राजनीतिक हलकों में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं. कई नेताओं ने इसे सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाला करार दिया है. वहीं, कुछ लोग बर्क के बयान को एक समुदाय के अधिकारों की रक्षा के रूप में देख रहे हैं. भाजपा के कुछ नेताओं ने बर्क के इस बयान की कड़ी आलोचना की और इसे देश की एकता के खिलाफ बताया. उनका कहना है कि इस तरह के बयान सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

धार्मिक स्थलों पर बढ़ती राजनीति

धार्मिक स्थलों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन बर्क के इस बयान ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है. भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में ऐसी बयानबाजी का असर आम नागरिकों पर भी पड़ता है, जो शांति और सद्भाव से जीना चाहते हैं.
जियाउर रहमान बर्क के बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धार्मिक स्थलों को राजनीति से अलग रखा जा सकता है. बर्क का यह बयान सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने की चुनौती को और गहराता दिख रहा है. First Updated : Wednesday, 06 November 2024