Bahraich violence: बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने कड़ा कदम उठाते हुए 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है. एसपी का यह एक्शन पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता के चलते आया है, जो हिंसा के दौरान अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे.
13 अक्टूबर को हुए इस हिंसक घटनाक्रम में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी और उसके बाद आगजनी और तोड़फोड़ जैसी घटनाएं हुईं. पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई इस सख्त कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
हिंसा के इस मामले में पहले ही सीओ, थानाध्यक्ष, चौकी इंचार्ज और तहसीलदार पर कार्रवाई की जा चुकी थी. लेकिन अब एसपी वृंदा शुक्ला ने सख्त कदम उठाते हुए हरदी और राम गांव थाने के 29 हेड कांस्टेबल और सिपाहियों को लाइन हाजिर करने का निर्णय लिया है.
लाइन हाजिर किए गए 29 पुलिसकर्मियों की जगह हरदी थाने में 13 और राम गांव थाने में 16 नए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. एसपी ने इन पुलिसकर्मियों को तुरंत लाइन में आमद दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं, जिससे इस पूरे मामले में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके.
एसपी वृंदा शुक्ला की इस सख्त कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. यह कदम एसपी द्वारा पुलिस की निष्क्रियता पर सख्त रुख अपनाने का संकेत माना जा रहा है, जिससे अन्य पुलिसकर्मियों को भी सतर्कता बरतने की हिदायत मिली है.
13 अक्टूबर को बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा में एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए. 14 अक्टूबर को इस घटना के विरोध में उपद्रवियों ने आगजनी और वाहनों में तोड़फोड़ की. First Updated : Monday, 28 October 2024