महायुति में सीटों का संकट; भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच संघर्ष का बिगड़ा गणित
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच सीटों को लेकर तीखी खींचतान चल रही है. भाजपा 160, शिवसेना 100+ और एनसीपी 60-80 सीटों पर दावा कर रही है. यदि एनसीपी की मांग पूरी नहीं हुई, तो महायुति का गणित बिगड़ सकता है. सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय अब तक नहीं हुआ है और यह देखना बाकी है कि विवाद का समाधान किस दिशा में होगा.
Mumbai: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति में सीटों को लेकर तीन प्रमुख दलों के बीच संघर्ष गहराता जा रहा है. कुल 288 सीटों में से भाजपा 160 सीटों पर दावा कर रही है, जबकि शिवसेना 100 से 105 सीटों पर अपना हक जता रही है और एनसीपी 60 से 80 सीटों पर नजर गड़ाए हुए है.
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान, शिवसेना ने 100 से अधिक सीटों की मांग रखी. पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, शिवसेना ने अमित शाह को दिखाया कि किस प्रकार उन्होंने मराठी और हिंदुत्व वोटों को संभाला और पिछली बार के मुकाबले इस बार अपनी स्थिति मजबूत की है. शिवसेना का दावा है कि 100 से अधिक सीटें मिलने पर वे महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को हराने में सफल होंगे.
सीट बंटवारे का फॉर्मूला
सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे का फॉर्मूला इस महीने के अंत तक तय हो सकता है. हालांकि, चुनाव कार्यक्रम की अभी तक घोषणा नहीं की गई है. ऐसी संभावना है कि शिवसेना को 80-90 सीटें मिल सकती हैं और एनसीपी को 50-60 सीटें मिल सकती हैं.
अजित पवार ने दोस्ताना मुकाबले की खबरों का किया खंडन
इस बीच, डिप्टी सीएम अजित पवार ने भाजपा द्वारा 25 सीटों पर दोस्ताना मुकाबले की खबरों का खंडन किया है. शिवसेना ने भाजपा को चेतावनी दी है कि उम्मीदवारों की घोषणा में देरी नहीं होनी चाहिए, जैसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था, जिससे प्रचार में कमी आई थी और कुछ सीटों पर खराब प्रदर्शन हुआ था.
महायुति का गणित बिगड़ने की संभावना
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि यदि एनसीपी की 60-80 सीटों की मांग पूरी नहीं होती है तो पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं महायुति का गणित बिगाड़ सकते हैं. एनसीपी के विधायक, जो स्थानीय ताकतवर हैं, अगर उन्हें लगेगा कि उनका सही उपयोग नहीं हो रहा है तो वे एमवीए में शामिल हो सकते हैं.
भाजपा को 150 से अधिक सीटों पर लड़ना होगा
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी को 100 से अधिक सीटों पर जीतने के लिए 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना होगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगभग 160 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 105 पर जीत हासिल की थी. इस बार कोई लहर नहीं है इसलिए सभी सीटों पर लड़ना होगा.
एनसीपी प्रमुख को शाह से सीट बंटवारे का आश्वासन
एनसीपी के प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा कि शाह ने बातचीत के दौरान सम्मानजनक सीट बंटवारे का आश्वासन दिया और जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत हस्तक्षेप का भी वादा किया. इस प्रकार, महायुति में सीटों को लेकर चल रही इस खींचतान में कौन सा दल कितना सफल होता है यह देखने वाली बात होगी.