बादल गुट की मुश्किलें बढ़ीं, पार्टी की वर्किंग कमेटी बैठक 10 जनवरी को

शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर ने एक अहम बैठक में सुखबीर बादल और उनके समर्थकों बड़े आरोप हैं कि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब दे निर्देशों के नहीं माना. जिस कारन विरोधी गुट ने मांग की है कि सुखबीर को भगोड़ा करार दिया जाए. पार्टी के इस कदम ने पंजाब की सियासत में नया मोड़ ला दिया है, जिससे धार्मिक और राजनीतिक माहौल में हलचल बढ़ गई है.

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Edited By: Aprajita

Sukhbir Badal Faces Major Allegations: पंजाब की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जब सुखबीर बादल और उनके समर्थकों के खिलाफ बड़े आरोप लगाए गए हैं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन न करने पर, शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन के नेताओं ने बादल गुट को पंथ का भगोड़ा करार देने की मांग की है. यह घटनाक्रम पंजाब की सिख राजनीति को एक नया मोड़ देने वाला हो सकता है।

2 दिसंबर का आदेश और उसका उल्लंघन

दरअसल, 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, जिसे बादल गुट ने लागू नहीं किया। इस पर शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन के नेताओं ने बैठक बुलाकर बादल गुट पर बड़े आरोप लगाए हैं. यह बैठक पटियाला में पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा के आवास पर हुई थी, जिसमें सुधार आंदोलन के संयोजक गुरप्रताप सिंह वडाला ने भी हिस्सा लिया।

अमृतपाल सिंह के पिता का भी बयान

इस पूरे विवाद में अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बादल गुट श्री अकाल तख्त साहिब को चुनौती दे रहा है, जो सिख धर्म के लिए एक गंभीर मसला है। उनका आरोप है कि यह लोग पंथ के दिशा-निर्देशों से भाग रहे हैं।

बादल गुट पर आरोपों की झड़ी

सुधार आंदोलन के नेताओं ने बादल गुट पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि सुखबीर बादल अब श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों से भागते हुए लोगों को संबोधित करेंगे। परमिंदर सिंह ढींढसा ने भी बादल गुट को पंथ का भगोड़ा कहा। बीबी जागीर कौर और सुरजीत सिंह रखड़ा ने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसे लोगों को सिख समाज के लिए खड़ा किया जाए जो धार्मिक और सांप्रदायिक सोच रखते हैं।

10 जनवरी को अकाली दल की अहम बैठक

इस बीच, शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की और 10 जनवरी को पार्टी मुख्यालय चंडीगढ़ में एक कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सुखबीर बादल के इस्तीफे पर चर्चा की जाएगी, साथ ही पार्टी के संगठनात्मक चुनावों पर भी निर्णय लिया जाएगा।

शिरोमणि अकाली दल का बचाव

बादल गुट के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बैठक के बाद बताया कि शिरोमणि अकाली दल हमेशा अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन करता आया है। पार्टी के नेताओं ने अकाल तख्त के निर्देशों के अनुसार धार्मिक सजा का पालन किया है, और सुखबीर बादल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दे दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि कुछ तकनीकी कारणों की वजह से 7 सदस्यीय कमेटी बनाने में समस्याएं आ रही हैं।

भविष्य की दिशा

इस पूरे घटनाक्रम से पंजाब की राजनीति में हलचल मच गई है। शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन के नेताओं का मानना है कि पंथ के साथ धोखाधड़ी नहीं की जा सकती, और सुखबीर बादल को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। वहीं, सुखबीर बादल और उनके समर्थक इस विवाद को खत्म करने के लिए बैठकें और पहल करने की कोशिश कर रहे हैं।

अब सवाल यह है कि क्या अकाली दल इस संकट से बाहर निकल पाएगा और पंजाब की सिख राजनीति में अपनी पुरानी ताकत को फिर से हासिल कर पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और क्या घटनाएँ सामने आती हैं।

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09 January 2025, 05:31 PM IST

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